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अंता उपचुनाव: लगातार चौथी बार 80% से ज्यादा मतदान, किसको मिलेगा फायदा? BJP-कांग्रेस की क्यों बढ़ी टेंशन?

Anta By-Election: बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मतदान के आंकड़ों ने सभी राजनीतिक दलों को चौंका दिया है।

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Naresh Meena

पत्रिका फाइल फोटो

Anta By-Election: बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मतदान के आंकड़ों ने सभी राजनीतिक दलों को चौंका दिया है। आमतौर पर उपचुनावों में वोटर टर्नआउट कम होता है, लेकिन यहां त्रिकोणीय मुकाबले ने नया रिकॉर्ड कायम किया। कुल 80.21 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, जो 2023 के विधानसभा चुनाव के 80.35 फीसदी से महज 0.14 फीसदी कम है। यह लगातार चौथी बार है जब अंता सीट पर 80% से अधिक वोटिंग हुई है।

दरअसल, 2008 में परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर हर चुनाव में जनता ने बदलाव की झलक दिखाई है। नतीजे 14 नवंबर को आएंगे, लेकिन बढ़ता मतदान प्रतिशत किसे फायदा देगा, यह सवाल सभी की जुबान पर है। BJP और कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा खेल बिगाड़ने की स्थिति में नजर आ रहे हैं।

रिकॉर्ड मतदान, कुछ जगह बहिष्कार

अंता में कुल वोटरों की संख्या को देखते हुए 80.21% टर्नआउट असाधारण है। पिछले चुनावों की तरह इस बार भी जनता ने उत्साह दिखाया। हालांकि, कुछ बूथों पर मतदान बहिष्कार ने ध्यान खींचा। बूथ नंबर 219 (राजकीय प्राथमिक स्कूल सांकली) में सिर्फ एक वोट पड़ा, यानी 0.14% मतदान। यहां 732 वोटर हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बहिष्कार किया।

वहीं, बूथ नंबर 202 (महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, एनटीपीसी रोड) के कमरा नंबर 1 में 50.55% वोटिंग हुई, जहां 415 मत पड़े। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि मतदान असमान रहा, लेकिन कुल मिलाकर उच्च टर्नआउट ने प्रत्याशियों की धड़कनें तेज कर दी हैं।

त्रिकोणीय संघर्ष- तीनों में कांटे की टक्कर

मुकाबला BJP के मोरपाल सुमन, कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय नरेश मीणा के बीच है। नरेश मीणा ने आक्रामक कैंपेन चलाया और युवाओं की टीम के साथ मैदान में उतरे। उनके वोटर मुखर नजर आए। विश्लेषकों का मानना है कि सीधा मुकाबला BJP और कांग्रेस के बीच रहेगा, लेकिन बढ़ा मतदान प्रतिशत नरेश को कुछ फायदा दे सकता है। BJP के कोर वोटर-माली, ब्राह्मण, वैश्य और धाकड़ समाज मजबूत हैं।

कांग्रेस और नरेश इनमें सेंध नहीं लगा पाए। हालांकि, नरेश मीणा ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है। मीणा समाज के अलावा अन्य वोटर उन्हें प्रभावित नहीं कर सके, लेकिन कांग्रेसी वोटों का शिफ्ट उनके पक्ष में हुआ है।

यहां देखें वीडियो-


BJP को वसुंधरा का सहारा

बताया जा रहा है कि नरेश के मैदान में उतरने से कांग्रेस को सीधा घाटा हुआ। भाया पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को BJP और नरेश ने मुद्दा बनाया, जिसका कांग्रेस के पास ठोस काउंटर नहीं था। इससे आम वोटर शिफ्ट हुए। अब मुकाबला BJP और नरेश के बीच माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने BJP की राह आसान की है। उनके मोर्चा संभालने से पार्टी को मजबूती मिली। वहीं, कांग्रेस खेमे में टेंशन है, क्योंकि वोट स्प्लिट से भाया की राह मुश्किल हो गई है।

किसे मिलेगा फायदा?

राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने समीकरण लगा रही हैं। उच्च मतदान आमतौर पर सत्ता विरोधी लहर दर्शाता है, लेकिन अंता में BJP की मजबूत पकड़ इसे बदल सकती है। नरेश मीणा अगर 10-15% वोट काट लेते हैं, तो BJP को फायदा होगा। कांग्रेस को उम्मीद है कि शिफ्टेड वोट वापस आएंगे। कुल मिलाकर, 14 नवंबर का इंतजार है। क्या BJP चौथी बार जीत की हैट्रिक बनाएगी या त्रिकोणीय लड़ाई नया इतिहास रचेगी? यह रिजल्ट ही बताएगा।


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