
Madan Dilawar Controversial Statement: बारां। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर अपने विवादित बयानों के कारण लगातार चर्चा में बने हुए है। अब शिक्षा मंत्री ने परिवेश के बयान का विरोध करने वालों को बेवकूफ और मूर्ख बता दिया है। शुक्रवार को बारां दौरे पर पहुंचे मंत्री दिलावर ने कहा कि वो शिक्षक बेवकूफ हैं, जो मेरे बयान का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि मंत्री ने बुधवार को महिला शिक्षकों के पहनावे को लेकर बयान दिया था। जिसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी दिलावर के बयान के निंदा करते हुए उन्हें मंत्री पद से हटाने की मांग की है।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर शुक्रवार को बारां दौरे पर पहुंचे। जहां भाजपा नेता आनंद गर्ग के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। मिनी सचिवालय सभागार में समीक्षा बैठक से पहले पत्रकारों से चर्चा के दौरान मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि वो शिक्षक बेवकूफ हैं, जो मैंने कहा उसके विरोध में बोल रहे हैं। मैंने यह कहा था कि जो विद्यार्थी है, वह आधा समय मां-बाप के साथ और आधा समय विद्यालय में गुजरता है। ऐसे क्या पहनना चाहिए, क्या खाना चाहिए, कैसी हमारी दृष्टि हो, इससे बच्चे सीखते हैं। जो हमारा व्यवहार रहेगा वैसा ही बच्चे सीखेंगे।
उन्होंने शिक्षिकाओं के पहनावे को लेकर कहा कि हमारा परिवेश जैसा है, उसके अनुरूप कपड़े पहन कर आना चाहिए। उसी प्रकार के कपड़े पहनकर नहीं आने से बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसको गलत मानते हैं तो इससे बड़ा मूर्ख कोई नहीं है। विद्यालय शिक्षा का मंदिर है और इस मंदिर में शिक्षकों को वेशभूषा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
बता दें कि शिक्षा मंत्री के बयान के बाद शिक्षक वर्ग में आक्रोश व्याप्त है। जोधपुर के सर्किट हाउस में गुरुवार को राजस्थान पंचायतीराज एवं माध्यमिक संघ की प्रदेश महिला संयोजिका बेबी नंदा के नेतृत्व में शिक्षक मंत्री को चूड़ियां भेंट करने पहुंचे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। वहीं, शिक्षा मंत्री ने महिला शिक्षकों के कपड़े वाले बयान पर सफाई देते हुए कहा था कि मैंने अर्द्धनग्न शब्द का प्रयोग नहीं किया। उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है।
नीमकाथाना जिले के राउप्रा संस्कृत स्कूल नृसिंहपुरी के लोकार्पण कार्यक्रम में बुधवार को शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा था कि स्कूलों में कुछ शिक्षिकाएं अपना शरीर दिखाते हुए गलत पहनावा पहनकर आती हैं। कई शिक्षक स्कूल में गुटखा खाकर जाते हैं। ऐसे में स्कूल आने वाले बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। कई स्कूलों में तो शिक्षक झूमते हुए पहुंचते हैं वो शिक्षक नहीं वो बच्चों के दुश्मन हैं। इस तरह की हरकत करने वालों को शिक्षक कहना पाप है।
Updated on:
18 Oct 2024 05:40 pm
Published on:
18 Oct 2024 01:47 pm
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