scriptजल संकट के कारण बंद हो सकता है छबड़ा थर्मल में बिजली उत्पादन! | Water crisis may shut down power generation in Chhabra Thermal | Patrika News

जल संकट के कारण बंद हो सकता है छबड़ा थर्मल में बिजली उत्पादन!

locationबारांPublished: Mar 25, 2021 11:59:37 pm

Submitted by:

mukesh gour

कम बारिश से जल स्त्रोत रीते, इकाइयों के लिए ले रहे वार्षिक शटडाउन, वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अकावद बांध से पानी लाने के किए जा रहे प्रयास, राज्य की कुल जरूरत का 25 प्रतिशत ऊर्जा आपूर्ति करता है छबड़ा सुपर थर्मल प्लांट

जल संकट के कारण बंद हो सकता है छबड़ा थर्मल में बिजली उत्पादन!

जल संकट के कारण बंद हो सकता है छबड़ा थर्मल में बिजली उत्पादन!

छबड़ा. राजस्थान में सबसे सस्ती बिजली का उत्पादन करने वाला एवं प्रदेश का सबसे बड़ा विद्युत उत्पादक प्लांट है छबड़ा सुपर थर्मल एवं सुपरक्रिटिकल प्लांट। यहां की सभी 2320 मेगावॉट की 6 इकाइयों से प्रतिदिन 556 लाख यूनिट बिजली पैदा होती है। इसके जरिए राज्य की कुल विद्युत जरूरत का 25 प्रतिशत आपूर्ति होती है। इन दिनों यह प्लांट पानी की समस्या से जूझ रहा है। इस पर पानी की कमी के चलते बंद होने का संकट आन पड़ा है। हालांकि थर्मल के अधिकारियों को पूरा भरोसा है कि वे समय रहते वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ऊर्जा उत्पादन जारी रखने में सफल रहेंगे। जानकारी के अनुसार मोतीपुरा स्थिति थर्मल प्लांट की कुल 2320 मेगावाट की 6 इकाइयां को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्षेत्र के बैथली बांध, ल्हासी बांध, हिंग्लोट बांध एवं पार्वती नदी से मिलने वाले पानी की आवश्यकता होती है। इस वर्ष क्षेत्र में कम बारिश की वजह से बैथली बांध जो अपनी क्षमता से एक तिहाई भी नहीं भर पाया है। इससे थर्मल को अपने रिजर्व कोटे का 200 एमसीएफटी पानी नहीं मिल पाया। वही ल्हासवी बांध जिसमें थर्मल के लिए 400 एमसीएफटी पानी रिजर्व है, लेकिन छबड़ा-छीपाबड़ौद में गंदे पानी की शिकायत मिलने पर जलदाय विभाग द्वारा थर्मल को फरवरी में पानी की सप्लाई बंद करवा दी गई। पार्वती नदी में पानी नहीं होने के बाद थर्मल की सभी इकाइयां वर्तमान में हिंग्लोट बाध जहां का 500 एमसीएफटी पानी थर्मल के लिए रिजर्व है। यह प्लांट इसी पानी की बदौलत चल रहा है। जिानकारी के अनुसार यहां भी 15 दिन का पानी शेष बचा है। थर्मल प्रशासन ने उत्पादन जारी रखने के लिए थर्मल की इकाइयों के वार्षिक रखरखाव हेतु शटडाउन लेने के साथ परवन से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पानी लाने के प्रयास शुरू कर दिए है।
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अब केवल एक सप्ताह का ही पानी शेष
मुख्य अभियंता अजय कुमार सक्सेना ने बताया कि थर्मल के स्टोरेज में भी 7 से 8 दिन का पानी शेष हैं। थर्मल प्लांट को सुचारू चलाने के लिए वैकल्पिक प्लान के तहत अकावद बांध में डीजल पंप सेट डाल पाइप लाइन के जरिए पानी लाने के लिए विभागीय प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इकाइयों के वार्षिक रखरखाव हेतु शटडाउन भी लेते हुए पानी की व्यवस्था हो जाने पर एक बार फिर थर्मल से लगातार ऊर्जा उत्पादन जारी रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्य अभियंता ने बताया कि इसके साथ ही जलदाय विभाग के अधिकारियों से ल्हासी बांध से थर्मल के लिए शेष बचा रिजर्व पानी लेने के लिए भी बातचीत की जा रही है।
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चौथी इकाई में लिया शटडाउन
इसी के तहत ढाई सौ मेगावाट की तापीय विद्युत परियोजना की चौथी इकाई शटडाउन लिया हुआ है। वही सुपरक्रिटिकल प्लांट की 660 मेगावॉट की 5वीं इकाई के आगामी 1 अप्रैल से 45 दिन के शटडाउन लेने के लिए ऊर्जा निगम से इजाजत मांगी गई है।
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