
बरेली कैफे कांड: 27 दिसंबर की कहानी छात्रा की जुबानी। फोटो सोर्स- Video Grab
Bareilly Cafe Case Update: उत्तर प्रदेश के बरेली में लव जिहाद की सूचना के बाद एक कैफे में जमकर हंगामा हुआ। घटना राजेंद्र नगर क्षेत्र की है। जहां एक नर्सिंग छात्रा अपने दोस्तों के साथ कैफे में जन्मदिन का जश्न मना रही थी। इसी दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को जानकारी मिली कि पार्टी में कुछ मुस्लिम युवक भी शामिल हैं। सूचना मिलते ही कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और विरोध करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। मामले में अपडेट सामने आया है।
मामले को लेकर नर्सिंग छात्रा का कहना है कि इस घटना से वह परेशान है और घर से बाहर निकलने में डर रही है। नर्सिंग की फाइनल ईयर की स्टूडेंट ने कहा, ''मुझे बहुत शर्म आ रही है कि मेरे दोस्तों को परेशान किया गया और उन पर हमला किया गया। क्या अब मुझे अपने दोस्त उनके धर्म के आधार पर चुनने होंगे? मैंने खुद को घर में बंद कर लिया है और डर की वजह से बाहर नहीं निकली हूं।''
पुलिस ने अबतक इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी ऋषभ ठाकुर और दीपक पाठक उनमें शामिल नहीं थे। हालांकि यह आरोप लगाया गया था कि ऋषभ और दीपक के बजरंग दल से संबंध हैं, लेकिन संगठन के बरेली कोऑर्डिनेटर आर्यन चौधरी ने इस दावे से इनकार किया है।
पुलिस ने दो युवकों शान और वाकिब के साथ कैफे मालिक शैलेंद्र गंगवार को शांति भंग करने की धाराओं के तहत हिरासत में लिया था। पुलिस ने बाद में उन्हें पर्सनल बॉन्ड पर जमानत पर रिहा कर दिया गया।
बता दें कि बदायूं जिले की रहने वाली छात्रा पिछले 4 साल से नर्सिंग इंस्टीट्यूट के हॉस्टल में रह रही है। उसके पिता किसान हैं और वह दो भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। 27 दिसंबर को हुई घटना का जिक्र करते हुए छात्रा ने कहा, ''मैंने अपने 40 क्लासमेट्स को बुलाया था लेकिन सिर्फ 12 ही आ सके। उनमें वाकिब और शान भी थे। दोपहर करीब 12.30 बजे उसके दोस्त कैफे पहुंचे। करीब एक घंटे बाद, जब वह अपना बर्थडे केक काट रही थी, तो हमलावरों का ग्रुप कथित तौर पर नारे लगाते हुए अंदर घुस आया।''
छात्रा ने दावा किया, ''उन्होंने मेरे क्लासमेट्स, वाकिब और शान पर हमला करना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझ समेत दूसरों के साथ बुरा बर्ताव किया और हमसे हमारे धर्म के बारे में पूछा।'' छात्रा ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने उसका मोबाइल फोन छीनने की भी कोशिश की।
हंगामे के बाद छात्रा ने कहा कि वह अपने इंस्टीट्यूट वापस नहीं गई है और हॉस्टल छोड़ दिया है। छात्रा ने कहा, '' मैं डिप्रेशन से गुजर रही हूं क्योंकि इसने ना सिर्फ लोकल लेवल पर, बल्कि पूरे देश में मेरी इमेज खराब कर दी है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इन हमलावरों को लोगों को जज करने और यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि मुझे किससे दोस्ती करनी चाहिए।''
छात्रा ने कहा कि उसके माता-पिता और रिश्तेदारों ने कभी भी उसके मुस्लिम दोस्त होने पर एतराज नहीं किया। छात्रा ने कहा, ''मैं रेगुलर अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करती हूं। मैंने अपने माता-पिता से पूछकर ही बर्थडे सेलिब्रेशन ऑर्गनाइज किया था। वे जानते हैं कि मेरे दोस्त कौन हैं। अगर उन्हें कोई एतराज नहीं है, तो ये लोग मुझे ‘गाइड’ करने वाले कौन होते हैं?''
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Published on:
30 Dec 2025 05:34 pm
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