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बरेली में जुमे की नमाज के बाद बवाल, पुलिस ने दौड़ाकर दौड़ाकर पीटा… ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर पर विवाद

बरेली में जुमे की नमाज के बाद बवाल हो गया। बताया जा रहा नमाज के बाद नमाजी इस्लामिया मैदान में जाने की जिद पर अड़े हुए थे। इसी दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोका तो जमकर नारेबाजी की और पथराव किया।

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बरेली में जुमे की नमाज के बाद बवाल, PC- @vinaysaxenaj

बरेली : बरेली में जुमे पर बवाल हो गया है। यहां नमाज के बाद पुलिस टीम पर पथराव किया गया। बताया जा रहा पूरा विवाद 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर को लेकर हुआ। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया। लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इससे भगदड़ मच गई।

मौलाना तौकीर रजा ने मुस्लिमों से नमाज के बाद इस्लामिया ग्राउंड में इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने की अपील की थी। जुमे की नमाज के बाद भीड़ सड़क पर उतर गई और जबरन इस्लामिया मैदान में जाने की जिद पर अड़ गई। पुलिस ने रोक लिया। इस पर भीड़ ने धार्मिक नारे लगाए। थोड़ी देर में पथराव शुरू हो गया। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले दागे।

फिलहाल, पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को हिरासत में ले लिया है। पूरे बरेली में फोर्स मार्च कर रही है। अधिकारी लोगों को घरों में रहने की हिदायत दे रहे। आसपास के जिलों से फोर्स बढ़ा दी गई है।

मौलाना तौकीर रजा इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष है। इन पर 2010 में बरेली में दंगा करवाने का भी आरोप है। मामला अभी कोर्ट में है।

बिखरे पड़े जूते चप्पल

खलील तिराहा के आसपास करीब 200 मीटर क्षेत्र में चप्पलें, जूते और पत्थर बिखरे पड़े मिले, जो उपद्रव की गंभीरता को स्पष्ट दिखाते हैं। हालात बिगड़ने की सूचना पर डीआईजी अजय साहनी, एसपी सिटी समेत पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। शांति व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने इलाके में फ्लैगमार्च किया। फिलहाल क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।

4700 जवान संभाल रहे मोर्चा

इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद नामूसे-रिसालत के मुद्दे पर इस्लामिया ग्राउंड से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च का आह्वान किया था। उनके ऐलान के बाद शहरभर से मुस्लिम समाज के लोग नमाज-ए-जुमा के बाद इकट्ठा हुए। एहतियातन पुलिस-प्रशासन ने शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी, जिसके तहत पांच एडिशनल एसपी और 13 सीओ के नेतृत्व में पुलिस और पीएसी के 4700 जवानों को जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके साथ ही निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन भी लगाए गए।