
सावन पर विशेष: जानिए, क्यों बरेली को कहते हैं नाथ नगरी
बरेली। शनिवार 28 जुलाई से पवित्र सावन मास की शुरुआत हो रही है और सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त उनकी भक्ति में डूबे रहते हैं। सावन माह में बरेली का नजारा कुछ अलग ही होता है। भगवान भोले के जलाभिषेक के गंगा नदी से जल लाने वालों का जहां सड़कों पर केसरिया सैलाब उमड़ता है वहीं मंदिर भी भगवान भोले के जयकारों से गूंज उठते हैं। बरेली शहर की हर दिशा में शिव जी का मंदिर है। कहा जाता है कि हर दिशा में मौजूद ये शिव मंदिर प्राकृतिक आपदाओं और अन्य विपत्तियों से शहर की रक्षा करते हैं। नगर की सभी दिशाओं में शिव मंदिर होने की वजह से ही बरेली को नाथ नगरी भी कहा जाता है।
बरेली नगर घिरा, सभी ओर है नाथ ,
धोपा, अलख,त्रिवटी, मढ़ी , तपेश्वर नाथ
वनखंडी संग क्षेत्र सब, कीलित रुद्रहि जान,
क्यों अनाथ होव नगर जहाँ नाथ विधमान
सभी सुखी नर नारी हों, अशिव त्याग नादान
शिव जी की शक्ति मिले दूर होए अज्ञान
किस दिशा में कौन सा मंदिर
जोगीनवादा इलाके में स्थित बनखंडी नाथ मंदिर पूरब दिशा में बना हुआ है। महारानी द्रोपदी ने अपने गुरु के आदेश पर यहां पर शिवलिंग स्थापित कर तप किया था। सघन वन में होने के कारण इस देवालय का नाम बनखंडिनाथ मंदिर पड़ा।
मढ़ीनाथ मोहल्ले में बना मढ़ीनाथ मंदिर नगर की पश्चिम दिशा में बना हुआ है। एक तपस्वी ने राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए यहाँ पर कुआँ खुदवाना शुरू किया तभी यहां शिवलिंग प्रकट हुआ जिस पर मढ़ीधारी सर्प लिपटा हुआ था इसी कारण दिव्य स्थान का नाम मढ़ीनाथ पड़ा।
प्रेमनगर इलाके में स्थित त्रिवटीनाथ मंदिर नगर की उत्तर दिशा में स्थित है। इस मंदिर की स्थापना 1474 ईस्वी में मानी जाती है। इस स्थान पर तीन वृक्षों के नीचे सो रहे चरवाह को स्वप्न आया जिसके बाद जब यहां खुदाई की गई तो त्रिवट के नीचे शिवलिंग प्रकट हुआ तीन वृक्षों के नीचे होने के कारण इस मंदिर नाम त्रिवटीनाथ मंदिर पड़ा।
नगर की दक्षिण दिशा में सुभाषनगर में स्थित तपेश्वरनाथ मंदिर ऋषि मुनियों की तपोस्थली रहा है। कई साधू संतों ने यहाँ तपस्या कर इस देवालय को सिद्ध किया है। इसी कारण ये स्थान तपेश्वरनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है।
नगर की पूर्व दक्षिण अग्निकोण में धोपेश्वरनाथ मंदिर स्थित है। इस मंदिर को महाराजा द्रोपद के गुरु एवं अत्रि ऋषि के शिष्य धूम्र ऋषि ने कठोर तप कर सिद्ध किया। उनकी समाधि पर ही शिवलिंग की स्थापना हुई। उन्ही के नाम पर इस देवालय का नाम धूमेश्वरनाथ पड़ा जो बाद में धोपेश्वरनाथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
नगर के वायव्य कोण पर किला इलाके में अलखनाथ मंदिर स्थित है। सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए और हिन्दुओं के जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए आनंद अखाड़े के अलखिया बाबा ने इस स्थान पर कठोर तप कर शिव भक्ति की ऐसी अलख जगाई कि मुस्लिम कटटरपंथियों को उनके आगे घुटने टेकने पड़े और इस मंदिर का नाम अलखनाथ मंदिर पड़ा।
नाथ नगरी के नाम से बन रहा एयर टर्मिनल
बरेली में निर्माणाधीन एयर टर्मिनल का नाम भी नाथ नगरी एयर टर्मिनल रखा गया है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के प्रस्ताव पर योगी सरकार ने इस हवाई अड्डे का नाम नाथ नगरी रखा है इसके साथ ही तमाम धार्मिक संगठन भी नाथ नगरी के नाम से संचालित हो रहे हैं।
Published on:
27 Jul 2018 05:33 pm
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
