
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि भारत का मुसलमान इस दर्दनाक घटना से प्रभावित परिवारों के साथ पूरी हमदर्दी रखता है। यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है और इससे पूरा देश आहत है।
मौलाना रिजवी ने बताया कि इस हमले के बाद पहले जुमे की नमाज में देशभर की मस्जिदों में खास दुआएं की गईं। उन्होंने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि हर मस्जिद के इमाम और नमाज अदा करने वाले सभी लोग देश की अखंडता, एकता और शांति के लिए विशेष प्रार्थना करेंगे। इस अपील पर देशभर के मुसलमानों ने एकजुट होकर अमन और सद्भाव की दुआ की, और आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
एक सवाल के जवाब में मौलाना ने यह स्पष्ट किया कि उनकी संस्था की ओर से किसी प्रकार की काली या सफेद पट्टी बांधने का कोई आह्वान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रतीकात्मक विरोधों से समाज में गलत संदेश जाता है और भाईचारे का माहौल प्रभावित होता है। उन्होंने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के पट्टी बांधने के बारे में बात करते हुए कहा कि हम सिर्फ अमन और अखंडता की दुआ की अपील करते हैं ना कि किसी प्रदर्शन की।
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। इस्लाम कभी भी हिंसा को प्रोत्साहित नहीं करता। कुरान की शिक्षा का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि किसी निर्दोष की हत्या करना मानवता की हत्या के बराबर है। इस्लाम ने हमेशा भाईचारे, सहिष्णुता और शांति का संदेश दिया है। पैगंबर मोहम्मद साहब ने भी हमेशा अमन और मोहब्बत की राह दिखाई है।
Published on:
25 Apr 2025 07:55 pm
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