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यूपी पुलिस के सिपाहियों ने ली बेकसूर की जान

पुलिस वालों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को हत्या के मुकदमे में तरमीम कर दिया गया है।

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munna qureshi

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बरेली। मीट व्यापारी की पिटाई के मामले में बरेली पुलिस बुरी तरह से फंस गई है। मीट व्यापारी को इलाज के लिए दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। व्यापारी की मौत के बाद नाराज लोगों ने दोसी लोगों पर कार्रवाई की मांग को लेकर जाम लगा दिया। इस काण्ड के आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज उन्हें निलंबित कर दिया गया था लेकिन अब व्यापारी की मौत के बाद मुकदमे को हत्या के मुकदमे में तरमीम कर दिया गया है।

क्या था मामला

बारादरी के चक सकलैन का रहने वाला मुन्ना कुरैशी मीट कारोबारी था। 14 जून को उसे कांकर टोला पुलिस चौकी के सिपाही श्रीपाल और हरीश चंद्र ने पार्षद पति फिरदौस अंजुम के बारात घर में बुलाया जहाँ पर मीट कारोबारी के साथ मारपीट कर गोकशी की बात कर रूपये मांगे।रूपये न देने पर उसको झूठे मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की धमकी दी जिसके बाद मुन्ना कुरैशी की तबियत बिगड़ गई और उसके मुंह से खून निकलने लगा जिसे देखकर सभी लोग मौके से भाग गए और परिजनों ने उसे इलाज के लिए बरेली के एक मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था जहाँ तबियत में सुधार न होने पर उसे दिल्ली रैफर कर दिया गया जहाँ उसकी मौत हो गई।

लगा दिया जाम

मुन्ना की मौत की खबर जब बरेली पहुंची तो इलाके के लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने शहदाना पर जाम लगा दिया कड़ी मशक्क्त के बाद पुलिस ने जाम खुलवाया। लोगों का कहना था कि मुन्ना की मौत के पीछे फिरदौस अंजुम और एक मुखबिर का हाथ है इस लिए सब हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। पुलिस के समझाने पर लोग शांत हुए जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया जिसमे मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है और बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है।

हत्या में तरमीम हुआ मुकदमा

वही इस मामले में पुलिस ने पहले सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया था लेकिन अब मुन्ना कुरैशी की मौत के बाद मुकदमा हत्या में तरमीम कर दिया गया है।


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