ये भी पढ़ें हेमा मालिनी के लिए सीट बचाना बड़ी चुनौती!, सवर्णों में भारी आक्रोश सिद्धांतों से भटकी पार्टी सपा की सदस्य्ता से इस्तीफा देने के बाद वीरपाल ने कहा कि नेता जी ने जिन सिद्धांतों को लेकर पार्टी बनाई थी अब पार्टी उससे भटक गई है। उन्होंने कहा कि हम लोग साम्प्रदायिक शक्तियों और सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते थे। इसके लिए हम लोग जेल तक जाने से नहीं डरते थे और अपनी सही बात बड़ी निडरता से कहते थे खासकर अल्पसंख्यक और कमजोर तबके के लोगों के साथ हर हाल में खड़े होते थे। लेकिन करीब 20 माह से हम लोग भाजपा की षड्यंत्रकारी नीतियों का विरोध नहीं कर पाए।
ये भी पढ़ें योगी मंत्रिमंडल विस्तार की लिस्ट वायरल, केंद्रीयमंत्री के पति सहित ये बनेंगे छह नए मंत्री पार्टी नहीं दे रही साथ बरेली में भाजपा ने भगवा धारण कर कांवड़ियाँ बनकर एक वर्ग के लोगों को ही नहीं बल्कि आम लोगों के साथ भी बदसलूकी की। खेलम और उमरिया में जमकर उत्पात किया लेकिन पार्टी का कोई नेता पीड़ित लोगों से मिलने तक नहीं गया। जब मैने कांवड़ियों की हकीकत बयान की तो मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन पार्टी के किसी पदाधिकारी ने फोन तक नहीं किया जबकि ये लड़ाई में पार्टी के लोगों के लिए लड़ रहा था। जब मुझे साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ाई में पार्टी का सहयोग नहीं मिलेगा तो मैं पार्टी में रहकर क्या करूँगा। मैने साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ जंग का एलान किया है और मैं पीछे नहीं हटूंगा चाहे मुझे जेल जाना पड़े या अपनी जान की कुर्बानी देनी पड़े।
ये भी पढ़ें देवगुरु बृहस्पति 11 अक्टूबर को करेंगे राशि परिवर्तन, इन राशि वालों की खुल जाएगी किस्मत अभी नहीं खोले पत्ते वही सपा छोड़ कर वो अब किस पार्टी में जाएंगे इसका उन्होंने खुलासा नहीं किया है। लेकिन कयास लगाए जा रहें है कि वो शिवपाल यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चे में शामिल हो सकते है। अभी कुछ दिन पहले वीरपाल के एक करीबी रिश्तेदार शिवपाल की पार्टी में शामिल हुए है।