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Barmer: Hospital: Rajasthan: इन बातों का रखें ध्यान तो बच सकते हैं पाइल्स की बीमारी से .

Barmer: Hospital: Rajasthan:

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-डॉ. मोहन जांगिड़, विशेषज्ञ


Barmer: Hospital: Rajasthan: गलत खान-पान, लाइफ स्लाइल में बदलाव और गर्म वातावरण के कारण पाइल्स का मर्ज बढ़ता जा रहा है। भारत में प्रतिवर्ष 10 लाख लोग पाइल्स से पीडि़त होते है। पश्चिमी राजस्थान में भी इस बीमारी के रोगियों की संख्या काफी बढ़ रही है। युवा भी इस बीमारी की चपेट में आते हैं।विश्व पाइल्स दिवस मनाने का उद्देश्य आम नागरिकों को अधिकाधिक इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है। जिससें लोगों में पाइल्स का डर दूर हो सके। समय पर उपचार करवाने पर निजात मिल जाती है। उपचार में देरी से बीमारी बढ़ जाती है और इलाज की समय सीमा बढ़ जाती है। हर साल 20 नवम्बर को विश्व पाइल्स दिवस मनाया जाता है।

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पांच गुणा तक बढ़ रहे पीडि़त
पिछले कुछ सालों के मुकाबले में पाइल्स के रोगी पांच गुणा तक बढ़ गए है। बीमारी से युवा भी पीडि़त है। बदलती लाइफ स्टाइल, एक स्थान पर अधिक देर तक बैठने और फास्टफूड का बढ़ता प्रचलन इसका सबसे बड़ा कारण है। वहीं बीमारी होने पर उसका समय पर इलाज नहीं करवाना भी बाद में घातक सिद्ध होता है। विशेषज्ञ बताते है कि बीमारी का पता चलने पर जल्द इलाज करवाने पर समान्यत: दवा से उपचार हो जाता है। वहीं देरी करने पर ऑपरेशन ही विकल्प बचता है।

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क्या है वजह ?
मुख्य कारण कब्ज है जो कि अनियमित जीवन शैली के कारण होती है।
खाने में रेशेदार आहार का कम प्रयोग करना।
शारीरिक व्यायाम मे कमी।
मोटापा, आनुवांशिकी
कैसे करें पाइल्स से बचाव
-नियमित जीवनशैली के साथ ऐसे खान-पान पर विशेष ध्यान दें
-पानी अधिक पीये, रेशेदार आहार का सेवन करें।
-खाने में दलिया, खिचड़ी, हरी पत्तेदार सब्जी, छाछ पर्याप्त मात्रा में लें
-तीखे, चटपटे, मसालेदार भोजन और जंकफूड नहीं खाएं

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क्या कहते है विशेषज्ञ
व्यक्ति खान-पान पर ध्यान दें तो काफी हद तक पाइल्स से बचाव संभव है। बीमारी होने पर तुरंत उपचार करवाना चाहिए। जितनी देरी होगी, बीमारी बढ़ती जाएगी। लाइफ स्टाइल में हमें बदलाव लाना चाहिए। खाने का समय तय करें और रेशेदार व हरी सब्जियों को शामिल करें। कुछ बदलाव करके हम रोग से बच सकते है। -डॉ. मोहन जांगिड़, विशेषज्ञ


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