31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जब यूपी के संभल में गरजे राजस्थान के ‘सिंघम’, भागने लगे पत्थरबाज, IPS कृष्ण विश्नोई का VIDEO वायरल

Barmer News: कृष्ण विश्नोई 24 साल में आईपीएस बने। 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, उनकी 174 रैंक थी। उन्होंने पत्रिका को बताया कि युवा हूं, आईपीएस बना और अब देश सेवा कर रहा हूं।

2 min read
Google source verification
IPS Krishna Vishnoi

IPS Krishna Vishnoi: उत्तरप्रदेश के संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा इन दिनों देशभर में चर्चित है। यहां संभल जिले की कमान संभाल रहे पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्रोई बाड़मेर के धोरीमन्ना निवासी है। संभल में हुई हिंसा के बाद तीन हजार से अधिक उपद्रवियों के खिलाफ थानों में प्रकरण दर्ज हुए है, जिसमें गिरफ्तारी भी हो रही है। हिंसा के दौरान कृष्ण ने पत्थर फेंक रहे उपद्रवियों से कहा कि इन नेताओं के चक्कर में अपना भविष्य बर्बाद मत करो। यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

24 साल में बने आईपीएस

कृष्ण विश्नोई 24 साल में आईपीएस बने। 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी है, उनकी 174 रैंक थी। उन्होंने पत्रिका को बताया कि युवा हूं, आईपीएस बना और अब देश सेवा कर रहा हूं। इससे पहले उन्होंने ढाई साल तक विदेश मंत्रालय में यूरोप-चीन मामलों में राष्ट्रीय सलाहकार पद पर कार्य किया।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में रहे। यहां कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से ड्रग, तस्करी व जमीन मामलों में लिप्त थे। कई माफिया को गिरफ्तार किया। उनकी 803 करोड़ की संपत्ति सीज की। इसके पहले कुख्यात बदनसिंह बद्दो के पुलिस कस्टडी से फरार होने के बाद अवैध संपत्ति खंगाली और सरकारी जमीन पर बनी माफिया की कोठी और बाजार पर बुलडोजर चलाया।

साधारण किसान परिवार से

कृष्ण विश्रोई के पिता सुजानाराम किसान हैं। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई गांव में हुई। जोधपुर में केंद्रीय स्कूल में पढ़े, इसके बाद दिल्ली चले गए। कृष्णके बड़े भाई भजनलाल विश्नोई आरएएस अधिकारी हैं।

फ्रांस सरकार ने दी थी 40 लाख की स्कॉलरशिप

उन्हें फ्रांस सरकार की ओर से शिक्षा के लिए 40 लाख रुपए की स्कॉलरशिप भी मिली थी, उस समय स्कॉलरशिप पाने वाले कृष्ण पहले भारतीय थे। पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में सलेक्शन होने के बाद 2015 में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में मास्टर डिग्री ली। इसके बाद छह माह यूएस में रिसर्च करने के बाद यूनाइटेड नेशन ट्रेड सेंटर में कंसल्टेंट ग्रुप में बतौर सलाहकार नौकरी की। यहां 30 लाख रुपए का सालाना का पैकेज था, लेकिन वहां से नौकरी छोडकऱ घर आए और यूपीएससी की तैयारी कर सफल हुए।

यह भी पढ़ें- Barmer News: बुखार में आरोपी को पकड़ने गया था कांस्टेबल, तबीयत बिगड़ी, ग्रीन कॉरिडोर बनाया, लेकिन बच ना पाई जान