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Barmer: खेताराम हत्या का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, गुजरात के गांवों में छिपा था NSG कमांडो; इस तरह पकड़ा गया

Barmer Khetaram Murder Case: बाड़मेर के सरहद सरणू में 17 सितंबर 2025 को हुई खेताराम की जघन्य हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है।

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Barmer Khetaram murder

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Barmer Khetaram Murder Case: बाड़मेर के सरहद सरणू में 17 सितंबर 2025 को हुई खेताराम की जघन्य हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। हत्या के मुख्य आरोपी एनएसजी कमांडो चंपालाल जाट और उसके साथी ओमप्रकाश जाट को गुजरात के कपड़वंज शहर से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी।

एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि 17 सितम्बर की रात खेताराम अपने दोस्तों हरलाल और वीरेंद्र के साथ बोलेरो गाड़ी से घर लौट रहे थे। इसी दौरान उनका सामना आरोपियों से हो गया। आपसी कहासुनी के बाद आरोपी चंपालाल, ओमप्रकाश मांगीलाल व 4-5 अन्य लोगों ने खेताराम और उनके साथियों पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में खेताराम की मौत हो गई, जबकि हरलाल गंभीर रूप से घायल हो गए। वारदात को अंजाम देकर सभी आरोपी मौके से फरार हो गए।

हत्या की खबर मिलते ही पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीना ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया। उन्होंने तुरंत घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवार से मिलकर पांच दिनों के भीतर अपराधियों को पकड़ने का भरोसा दिलाया। आरोपियों की धरपकड़ के लिए कई टीमें बनाई गईं और पूरे जिले में नाकाबंदी कर दी गई।

पुलिस कैसे पहुंची अपराधियों तक?

बता दें, यह एक हाई-प्रोफाइल केस था जिसमें पुलिस ने बड़े ही सुनियोजित तरीके से काम किया। अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने आधुनिक तकनीक और पारंपरिक पुलिसिंग, दोनों का बेहतरीन तालमेल बिठाया। वारदात की जैसे ही सूचना मिली, थाना सदर, रीको, डीएसटी और कोतवाली पुलिस की टीमें तुरंत घटनास्थल और अस्पताल पहुंचीं। टीमों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, एफएसएल, एमओबी और डॉग स्क्वाड को बुलाया गया ताकि सबूत जुटाए जा सकें।

एसपी मीणा ने खुद रात में ही अस्पताल और घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवार को जल्द न्याय का भरोसा दिलाया। पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज की और आरोपियों की पहचान की। बदमाशो को भागने से रोकने के लिए बाड़मेर जिले के साथ-साथ पूरे रेंज में नाकाबंदी कर दी गई। पुलिस ने टोल नाकों और रेलवे स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालना शुरू किया।

पाली से गुजरात तक हाई-टेक पीछा

पुलिस टीमों को जोधपुर और पाली रेलवे स्टेशन पर भेजा गया। वहां पाली रेलवे स्टेशन के फुटेज में आरोपी चंपा लाल जाट और ओमप्रकाश जाट को एक साथ देखा गया। फुटेज और पूछताछ से पता चला कि उन्होंने गुजरात के पालनपुर की टिकट ली थी। यह एक बड़ा ब्रेकथ्रू था।

पुलिस टीम तुरंत गुजरात पहुंची। उन्होंने पालनपुर रेलवे स्टेशन पर लगे कैमरों की जांच की, जिससे पता चला कि वे टैक्सी से बस स्टैंड की तरफ गए हैं। इसके बाद बस स्टैंड के कैमरों से पता चला कि वे डीसा जाने वाली बस में बैठे थे। पुलिस ने डीसा पहुंचकर जानकारी जुटाई और पता चला कि वे हिम्मतनगर की तरफ गए हैं। टीम ने तुरंत हिम्मतनगर पहुंच कर होटलों, ढाबों और परिचितों से जानकारी ली। जहां पुलिस टीम को एक विश्वसनीय सूचना मिली कि दोनों आरोपी कपड़वंज शहर के थुंचाल गांव में छिपे हुए हैं।

हेड कांस्टेबल सवाईसिंह के नेतृत्व में टीम थुंचाल गांव पहुंची और खेतों में तलाशी शुरू की। जैसे ही पुलिस ने उन्हें देखा, दोनों आरोपी भागने लगे। चंपालाल एक प्रशिक्षित कमांडो होने के कारण उसने मुकाबला करने की कोशिश की, लेकिन हेड कांस्टेबल सवाईसिंह और उनकी टीम ने अपनी जान की परवाह किए बिना करीब 1-2 किलोमीटर तक उनका पीछा किया और आखिरकार दोनों को धर दबोचा।

अपराधियों का रिकॉर्ड और आगे की कार्रवाई

मुख्य आरोपी बीएसएफ कमांडो चंपालाल जाट को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है। आरोपी ओमप्रकाश जाट पर पहले भी बलात्कार और आबकारी अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि इस केस को केस ऑफिसर स्कीम में लिया जाएगा ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दिलाई जा सके। जांच में सामने आया कि आरोपी मांगीलाल की स्कॉर्पियो में चंपालाल व ओमप्रकाश ने एक साथ शराब पी थी। नशे में कहासुनी को लेकर इन्होंने खेताराम, हरलाल और वीरेंद्र के साथ गंभीर मारपीट की।