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नसबंदी के बाद भी गर्भवती हो गई महिला, गाड़ी को चुकानी पड़ी बड़ी ‘कीमत’… जानें रोचक मामला

Woman Pregnant After Sterilization: परिवार पर आजीवन आर्थिक भार बढ़ गया, जबकि वे इसके लिए तैयार नहीं थे। इसकी जानकारी जब अस्पताल में दी गई तो अस्पताल वालों ने पल्ला झाड़ लिया।

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गर्भवती महिला की प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो: पत्रिका)

Barmer News: राजस्थान के बाड़मेर जिले से बेहद ही रोचक मामला सामने आया है। सरकारी अस्पताल में नसबंदी के ऑपरेशन के बाद भी जब एक महिला गर्भवती हो गई तो हड़कंप मच गया। मामला चिकित्सा विभाग होते हुए कोर्ट तक जा पहुंचा और अब कोर्ट ने इस मामले में बड़ा एक्शन लिया है और सीएमएचओ की गाड़ी को कुर्क करने का आदेश दिया है। जिला एवं सेशन न्यायालय सेकंड बाडमेर के जज पीयूष चौधरी ने साल 2009 में सामने आए इस केस में आदेश दिया है।

दरअसल बाड़मेर के भाड़खा गांव में रहने वाली पप्पू देवी ने साल 2003 में नजदीक के सरकारी अस्पताल में नसबंदी का ऑपरेशन कराया था। उसके तीन संतान पहले ही थीं, इसी कारण नसबंदी कराई थी। लेकिन उसके बाद भी वह गर्भवती हो गई और संतान को जन्म देना पड़ा। परिवार पर आजीवन आर्थिक भार बढ़ गया, जबकि वे इसके लिए तैयार नहीं थे। इसकी जानकारी जब अस्पताल में दी गई तो अस्पताल वालों ने पल्ला झाड़ लिया।

मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस ने भी हाथ दूर कर लिए। उसके बाद पीड़ित परिवार कोर्ट की शरण में साल 2009 में पहुंचा। मामले की सुनवाई जारी रही और साल 2016 में कोर्ट ने पीड़ित परिवार को दो लाख रुपए और अब तक का बारह प्रतिशत ब्याज देने के आदेश सीएमएचओ को जारी किये। लेकिन उसके बाद भी सीएमएचओ ने कोर्ट के आदेश नहीं माने और इस मामले को लगातार टालते रहे।

लेकिन पीड़ित परिवार भी लगातार कोर्ट की शरण में रहा और कल यानी 21 अगस्त को आखिर सोलह साल के बाद परिवार को न्याय मिला है। कोर्ट ने सीएमएचओ की गाड़ी कुर्क करने के आदेश दिए और उसे कुर्की न्यायालय में लाया गया। इस गाड़ी की अनुमानित कीमत चार लाख रुपए आंकी जा रही है, जिसकी राशि पीड़ित परिवार को दी जानी है। पीडित परिवार के वकील मुस्कान सराफ का कहना है कि न्याय मिला, हांलाकि सोलह साल लग गए। इन सोलह साल में पीड़ित परिवार को बहुत आर्थिक, शारीरिक और सामाजिक शोषण झेलना पड़ा है। लेकिन उनको न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा था।