एक बटालियन चार-चार गांवों का चयन करेगी। यानि प्रत्येक बटालियन से क्षेत्र के 16 गांवों जुड़ेंगे। बीएसएफ के प्रशिक्षक युवाओं को खेल और सेना में आने के लिए प्रशिक्षित भी करेंगे। बीएसएफ की प्रत्येक बटालियन को चार-चार खेल दिए गए हैं। जिसमें जिम, बास्केटबॉल-वालीबॉल व एक खेल ग्रामीण पसंद पर रहेगा।
READ :- राजस्थान का ऐसा चमत्कारिक मंदिर, जहां 7 दिनों में लकवाग्रस्त व्यक्ति हो जाता है ठीक, ये है यहां की मान्यता इन खेलों में हर बटालियन से 16 गांव और इन गांवों के करीब 150 से अधिक युवा जुड़ेंगे। इन युवाओं को तैयार किया जाएगा। पूरी टीम बीएसएफ से जुडी रहेगी। इनके लिए जिम में एक प्रशिक्षक होगा जो अन्य गतिविधियों पर भी ध्यान रखेगा। सेना से जुड़ने के लिए भी इनको जानकारी दी जाएगी।
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बाड़मेर में अभी 4 बटालियन है। सीमांत बीकानेर, श्रीगंगानगर और जैसलमेर में भी बीएसएफ की बटालियन है। ऐसे में पूरे सीमांत क्षेत्र पर बीएसएफ युवाओं की एक पूरी टीम से जुड़ेगी जो फाॅर्स के नेटवर्क को भी मजबूत करेगी।
बाड़मेर में अभी 4 बटालियन है। सीमांत बीकानेर, श्रीगंगानगर और जैसलमेर में भी बीएसएफ की बटालियन है। ऐसे में पूरे सीमांत क्षेत्र पर बीएसएफ युवाओं की एक पूरी टीम से जुड़ेगी जो फाॅर्स के नेटवर्क को भी मजबूत करेगी।
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बीएसएफ सीमांत ग्रामीणों के साथ रहती है। उनके लिए काम भी करती है ताकि जुड़ा रहे। युवाओं के लिए जिम व्यायामशाला, खेल के मैदान भी बनाने का प्रस्ताव है।
– गुरुपालसिंह, डीआइजी, बाड़मेर सेक्टर
बीएसएफ सीमांत ग्रामीणों के साथ रहती है। उनके लिए काम भी करती है ताकि जुड़ा रहे। युवाओं के लिए जिम व्यायामशाला, खेल के मैदान भी बनाने का प्रस्ताव है।
– गुरुपालसिंह, डीआइजी, बाड़मेर सेक्टर