
वरघोड़े में उमड़े लोग
धोरीमन्ना में शांतिनाथ जिनालय की अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा पंचान्हिका महोत्सव के समापन दिन सोमवार को प्रथम बार द्वार का उद्घाटन मंत्रोच्चार के साथ किया गया। तीर्थंकर शांतिनाथ के दर्शन-वन्दन के बाद पक्षाल कर केशर पूजा व आरती की गई। इसके बाद सतरभेदी पूजा व दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा हुई। प्रभु दर्शन, आंगी, रोशनी, प्रसादी व् आरती के नवकारसियों के साथ महोत्सव का समापन हुआ। कार्यक्रम का आयोजन आचार्य मनोज्ञसूरीश्वर की निश्रा, कमलप्रभसागर, साध्वी विद्युतप्रभाश्री, हेमरत्नाश्री, विनितयशाश्री, श्रुतदर्शनाश्री, मुक्तांजनाश्री, विनयगुणाश्री व कैवल्यप्रियाश्री आदि के सान्निध्य में हुआ।
मनोज्ञसूरीश्वर को मरूधर रत्नाकर की पदवी से अलंकृत किया
शांतिनाथ जैन श्री संघ धोरीमन्ना के अध्यक्ष बाबूलाल लालण व कोषाध्यक्ष धर्मचंद बोथरा ने बताया कि सोमवार को धर्मसभा में संघ ने आचार्य मनोज्ञसूरीश्वर को मरूधर रत्नाकर की पदवी से अलंकृत किया। धर्मसभा में मनोज्ञसूरीश्वर ने कहा कि शांतिनाथ प्रभु व दादा गुरुदेव की असीम कृपा से धोरीमन्ना नगर का कल्याण और उद्वार होगा।
जीवन का होगा कल्याण
शांतिनाथ के रोज दर्शन से ही जीवन का कल्याण होगा। महामंत्री गौतमचंद सेठिया व सहकोषाध्यक्ष ओम गांधी ने बताया कि द्वार उद्घाटन के लाभार्थी परिवार का वरघोड़ा निकाला गया। इस अवसर पर लाभार्थियों का सम्मान किया गया। अध्यक्ष बाबूलाल लालण ने धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया।
Published on:
13 Feb 2024 12:35 am
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