थानाधिकारी भंवरलाल सीरवी ने बताया कि वाहनों की चोरियों को रोकने के लिए थानास्तर की एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने सीसीटीवी फुटेजं में आए हुलिए के आधार पर पिंटू पुत्र तेजसिंह निवासी कालूड़ी को दस्तयाब कर पूछताछ की।
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने विभिन्न स्थानों से 8 मोटरसाइकिल चोरी की वारदातों को अंजाम देना कबूल किया। उसने मोटरसाइकिल चोरी के बाद देरासर (बाड़मेर) निवासी मेहराब खां पुत्र अली को औने-पौने दामों में बेचने की बात बताई। इस पर मेहराब को दस्तयाब कर निशानदेही पर देरासर गांव व अन्य सीमावर्ती गांवों से 8 मोटरसाइकिलें बरामद कर दोनों को गिरफ्तार किया।
यूं आया पकड़ में- कुछ दिन पूर्व थानाधिकारी ने सोशल मीडिया पर बाइक चोर के फुटेज वायरल किए थे। पुलिस टीम ने फुटेज में आए हुलिए के आधार पर नजर रखनी शुरु की। इसके अलावा प्रमुख स्थानों पर दुकानदारों को सीसीटीवी उपलब्ध करवा संदिग्ध की सूचना देने की अपील की।
इस पर पुलिस टीम को सीसीटीवी फुटेज में आए हुलिए जैसे युवक के शहर में घूमने की सूचना मिली। पुलिस ने इस पर पिंटु को दस्तयाब कर पूछताछ की तो पूरा मामला खुल गया। पिंटू इससे पूर्वऔद्योगिक क्षेत्र के एक कारखाने में मजदूरी करताथा। वहां से काम छोडऩे के बाद मोटरसाइकिलें चुराने लगा।
मेहराब से हुई दोस्ती, उसी की डिमांड पर करता था चोरी- पिंटू ने पूछताछ में बताया कि गांव से बालोतरा आने-जाने के दौरान मेगा हाईवे पर होटल के बाहर टायर पिंक्चर की दुकान चलाने वाले देरासर निवासी मेहराब से दोस्ती हुई। मेहराब को कमाई का शॉर्टकट जरिया बताया तो उसने मोटरसाइकिल खरीदने की सहमति दे दी। इसके बाद पिंटू मोटरसाइकिल चोरी कर मेहराब को पांच-छह हजार रुपए में बेच देता था।
मेहराब मोटरसाइकिल को होटल के आसपास छिपा देता था। इसके बाद गांव जाते वक्त साथ ले जाता था और सीमावर्ती गांवों में 10-12 हजार रुपए में बेच देता था। पिंटू मेहराब की डिमांड पर मोटरसाइकिलों की चोरी करता था। उन्होंने पूछताछ में बताया कि मोटरसाइकिलों की चोरी से मिलने वाले रुपयों से वे एेश-आराम करते थे। पिंटू शहर में बिना हैंडल लॉक की मोटरसाइकिल पर नजर रख उसे पार करता था।
ये रहे टीम में शाामिल- थानाधिकारी की ओर से गठित टीम में उपनिरीक्षक गोपाल बिश्नोई, सरोज चौधरी, संजना बेनीवाल, सहायक उपनिरीक्षक अचलाराम, हैड कांस्टेबल विरेन्द्रसिंह, कांस्टेबल चेतनराम, उदयसिंह, घनश्याम, सुरेन्द्र शामिल थे।