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अब तो बोई फसलों पर भी गहराया संकट

15.51 लाख का लक्ष्य, 9.57 लाख हैक्टेयर में बुवाई - कमजोर मानसून पर लक्ष्य अनुरूप नही हो पाई बुवाई, खड़ी फसलों को भी नुकसान की आशंका

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अब तो बोई फसलों पर भी गहराया संकट

अब तो बोई फसलों पर भी गहराया संकट


बालोतरा.

जिले में इस वर्ष कमजोर बारिश से किसान चिंतित है। इसके चलते जहां उन्हें बुवाईसे वंचित रहना पड़ा, वहीं खड़ी फसलों पर भी संकट के बादल मण्डरा रहे हैं। नाडियों, तालाब सूखे होने से पशुपालकों की रातों की नींद उड़ गई है।

खेतों से खरपतरवार हटा कर किसान बारिश का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने खेतों की जुताई और बुवाई के प्रबंध करते हुए बीज और रुपए भी बचा कर रखे थे। इंतजार था तो एक बारिश का, जो जून से शुरू हुआ और अभी तक भी खत्म नहीं हुआ है। अब तक उनके लिए एक-एक दिन चिंता बढ़ाने वाला साबित हो रहा है।

नाममात्र बुवाई, वह भी संकट में- जिले में बारिश कम होने का असर बुवाई पर दिखा और अब तक आशानुरूप बुवाई नहीं हुई है। कृषि विभाग अनुसार अब तक जिले में बाजरा 2 लाख 97 हजार 972 हैक्टेयर, मोठ 2 लाख 38 हजार 512, ग्वार 1 लाख 52 हजार 264, बाजरा- मोठ मिश्रित 1 लाख 97 हजार 444, मंूग 56 हजार 301, अरण्डी 7 हजार 49, तिल 4 हजार 329, ज्वार 1800, हरा चारा 1170 , मंूगफली 179 , सब्जी 50 तथा अन्य फसलों की 300 हैक्टेयर की बुवाई हुई है। विभागीय लक्ष्य 15 लाख 51 हजार हैैक्टेयर की एवज में अब तक 9 लाख 57 हजार 575 हैक्टेयर में बुवाई हुई है। इससे भी ज्यादा चिंता इस बात को लेकर है कि बारिश के अभाव में बोई गई फसलें खेतों में खड़ी-खड़ी मुरझा रही है।

पशुओं के चारे-पानी का संकट -इस वर्ष कमजोर मानसून से ओरण-गोचर में चारा नहीं पनपने, नाडी, तालाब में कम पानी की हुई आवक से चारे-पानी का संकट पैदा हो गया है। पशुपालकों की हालत खस्ता है। वर्षा में देरी पर इनकी रातों की नींद उड़ गई है। दबे पांव अकाल की आहट से इन्हें अभी से चारा- पानी की व्यवस्था करने की चिंता सता रही है।
फसलें जल रही - कमजोर मानसून से बहुत परेशान हैं। खेतों में खड़ी फसलें वर्षा के अभाव में जल रही है। सप्ताह भर में वर्षा नहीं हुई तो मेहनत व किस्मत पर पानी फिर जाएगा। बहुत चिंतित है। - जब्बरसिंह सोढ़ा

चारे-पानी का संकट- जिले में नाममात्र वर्षा से नाडी, तालाब में एकत्रित हुआ पानी कभी का सूख गया। पशुओं के पेयजल को लेकर अधिक परेशान है। शीघ्र ही अच्छी बारिश नहीं हुई तो चारा-पानी के अभाव में पशुओं को पालना चुनौती बन जाएगा। - केहराराम हुड्डा, सांभरा
बुवाई प्रभवित, बारिश की जरूरत- जिले में कमजोर वर्षा का असर बुवाई पर पड़ा है। लक्ष्य के मुकाबले बुवाई कम हुई है। खेतों में खड़ी फसलों को भी पानी की जरूरत है। - पाबूसिंह राठौड़, सहायक कृषि अधिकारी