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Barmer News: दुबई का बिजनेस छोड़ा, अब बाड़मेर के खेतों में फावड़ा चला रहे ये NRI, PM और CM तक पहुंचा है इनका ऑर्गेनिक फूड

Organic Farming in Barmer: पृथ्वीराज सिंह का कहना है कि शुद्ध के लिए युद्ध घर से लड़ना होगा। दूध-दही के लिए बाजार पर निर्भरता गांवों में खत्म हो। हर घर में गाय होनी चाहिए। दूध-दही घर का खाएं।

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पत्रिका फोटो

Organic Farming: ऑर्गेनिक खेती को लेकर बढ़ रही जागरुकता के बीच बाड़मेर में एक एनआरआइ ने नई सोच के साथ काम किया है। उन्होंने खुद सिंचाई क्षेत्र में कृषि कुओं वाली जमीन खरीद ली। वहां हर साल नया उत्पाद तैयार करते हैं। इस उत्पाद को घर-परिवार, जान-पहचान के अलावा अन्य लोगों तक नि:शुल्क पहुंचा रहे हैं।

ऑर्गेनिक खाने का स्वाद और इसका सेहत पर किस तरह असर होता है, यह बता रहे हैं। ऑर्गेनिक फूड के लिए वे लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। बाड़मेर के कोळू गांव के पृथ्वीराज सिंह 2006 की कवास की बाढ़ के बाद लगातार जिले में समाजसेवा से जुड़े हैं। दुबई में कारोबारी पृथ्वीराज ने यहां आने के बाद खेतों में काम शुरू किया। खुद ही खेतों में पहुंचकर फावड़ा चलाते हैं।

सीधी बात

Q. आप देसी अंदाज में यह कार्य क्यों करते हैं?
A. यह मेरी रुचि में है। हम लोगों ने जिस जीवन को बचपन में जीया है, वास्तव में वह बहुत बेहतर था। शुद्धता थी, अब वो शुद्धता नहीं रही।

Q. इन उत्पादों को तैयार करने के पीछे मकसद क्या है?
A. जब एक बार कोई भी व्यक्ति इस ऑर्गेनिक उत्पाद का उपयोग करेगा तो दूसरी बार भी चाहत होगी। सेहत ठीक होगी। असली बात तो यह है कि बाजार में शुद्ध सामग्री मिल नहीं रही, तो फिर वो कैसे इसके स्वाद को जानेगा।

Q. क्या आप बड़े स्तर पर यह कार्य करेंगे?
A. कार्य कर रहा हूं, यह किस स्तर तक पहुंचेगा यह तो पता नहीं, लेकिन मेरी सोच है कि शुद्धता को लेकर बड़ा कार्य देश-प्रदेश में होना चाहिए।

Q. आखिर शुद्ध के लिए यह युद्ध कौन लड़ेगा?
A. यह युद्ध घर से लड़ना होगा। दूध-दही के लिए बाजार पर निर्भरता गांवों में खत्म हो। हर घर में गाय होनी चाहिए। दूध-दही घर का खाएं। रसोई को बदलना होगा। हम क्या खा रहे हैं, इस पर घर में चर्चा हो।

हर बार एक नया उत्पाद

ऑर्गेनिक जीरा, गुड़, देसी गायों का घी, दही, दूध और अन्य उत्पाद तैयार करवाते हैं। पूरी तरह से ऑर्गेनिक इन उत्पादों की फिर किलो, दो किलो, पांच किलो की पैकिंग करवाकर इसको निशुल्क वितरित करते हैं ताकि अधिकतम लोगों तक यह उत्पादन पहुंचे।

विधानसभा में हुआ जिक्र

बीते दिनों बायतु विधायक हरीश चौधरी ने उनका जिक्र विधानसभा में करते हुए कहा कि उनके उत्पाद मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक पहुंचाए गए हैं। ये एकदम शुद्ध हैं, लेकिन विडंबना यह है कि आम आदमी तक इतने शुद्ध उत्पाद नहीं पहुंच रहे हैं।

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तिलवाड़ा मेले में हर साल पांच किलोग्राम चांदी

तिलवाड़ा पशु मेले में पांच किलोग्राम चांदी के पुरस्कार 2022 से लगातार दे रहे हैं। मेले में पशु प्रतियोगिताओं को प्रोत्साहित करने और पशुओं की संख्या बढ़ाने को लेकर उन्होंने यह पहल प्रारंभ की। इससे प्रतियोगिताओं की रोचकता बढ़ने के साथ पशुपालक भी अब उन्नत नस्ल के ऊंट, घोड़ा और गाय ला रहे हैं।

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