
Success Story in Hindi : बाड़मेर शहर के कुआं नम्बर-3 क्षेत्र के निवासी हरीश कुमार डगला बीएसएफ में सात महीने की ट्रेनिंग पूरी करके आरक्षी के रूप में घर पहुंचे तो परिवार की खुशियां आसमान पर नजर आई। पूरे मोहल्ले और परिवार के लोगों ने ढोल बजाकर उनका स्वागत किया। ऑटो चलाने वाले पिता मानाराम के लिए आज का दिन जीवन का सबसे खास बन गया। बेटा ट्रेनिंग पूरी करके फौज की वर्दी पहनकर घर लौटा तो सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
आरक्षी हरीश का कहना है कि उसकी मां हमेशा उसे देश सेवा की सीख देती है। पिता ने ऑटो चलाकर मेहनत करके सपने को पूरा कर दिया। आरक्षी हरीश छह भाई-बहन है। उसे बचपन से सेना में जाकर देश सेवा करने का जज्बा था। इसलिए कॉलेज में एनसीसी का हिस्सा बना। कॉलेज में कैप्टन आदर्श किशोर जाणी ने हरीश को मोटिवेट किया और आज वह कामयाबी की राह पर चल पड़ा है।
हरीश बताता है कि भर्ती में वह दो बार विफल हो गया, लेकिन निराश नहीं हुआ। उसके परिवार ने हमेशा हौसला दिया। आखिर अक्टूबर 2023 की भर्ती में वह सफल हो गया। अब सात महीने महाराष्ट्र में ट्रेनिंग पूरी करके आरक्षी के रूप में घर लौटने पर काफी खुश है।
Updated on:
05 May 2024 10:31 am
Published on:
05 May 2024 10:02 am
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