
Silicosis gripped family head, family's condition is crispy
पारस माली
बालोतरा. सिवाना बीते दिनों कभी हजारों रुपए महिना कमाकर ठाट से जिंदगी जीने वाले निजाम खां व इसका परिवार अब दो वक्त की रोटी के लिए तरस गया है। सिलिकोसिस (Silicosis) बीमारी ने परिवार के मुखिया को ऐसा जकड़ा कि, वह आज भी खाट पकड़े बैठा है। पिता की देखभाल में बच्चों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है, वहीं परिवार दाने- दाने के लिए मोहताज हो गया है।
सरकार की ओर से कई जन कल्याणकारी योजनाएं (Public welfare schemes) संचालित की जा रही है। लेकिन इस परिवार को किसी भी योजना से सहायता नहीं मिली है। कस्बे के सिपाहियों की बास निवासी निजाम खां पुत्र आमिर खां करीब 10 साल पूर्व पत्थर घड़ाई का कार्य करता था।
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लेकिन इस दौरान कब सिलिकोसिस नामक जानलेवा बीमारी की चपेट में वह आ गया, उसे खुद भी पता नहीं चला। बीमारी की जानकारी होने के बाद उसने हर पद्धति से उपचार करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इससे उसकी माली हालत कमजोर होती गई।
उसके दो पुत्र व दो पुत्रियां हंै। सलमान कक्षा आठ व बिलाल कक्षा छह में अध्ययनरत है। पिता की देखभाल को लेकर बड़ी बेटी ने पहले ही पढ़ाई छोड़ दी थी।
सिवाना तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी अंजुम ताहिर सम्मा व तहसीलदार कालूराम प्रजापत ने परिवार की मदद की थी। इलाज के लिए पैसा नहीं होने पर अब घर गिरवी रखकर इलाज करवा रहे हैं। शीघ्र ही मदद नहीं मिलने पर घर बेचना पड़ेगा।
रजिस्टे्रशन करवाया, नहीं मिली मदद
जानकारी अनुसार पीडि़त व परिवार के लोगों ने बाड़मेर पहुंच सिलिकोसिस बीमारी का रजिस्ट्रेशन करवाया। लेकिन आज दिन तक सरकार की ओर से इसे कोई मदद नहीं मिली है। इससे उपचार करवाना व घर चलाना दिन ब दिन मुश्किल हो रहा है।
Published on:
31 Dec 2019 04:12 pm
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