भीषण गर्मी में भी दुकानों पर ग्राहकों की इतनी भीड़ नजर आ रही है कि दुकानों पर पैर रखने के लिए जगह नहीं है। जमकर हो रही ग्राहकी से दुकानदार भी खुश नजर आ रहे हैं। बस्सी मुख्यालय पर शादियों कार्ड का कारोबार करने वाले यस तिवाड़ी व दिनेश शर्मा की माने तो अकेले आखातीज के सावे पर पूरे बस्सी उपखण्ड में इस बार करीब 400 शादियां है। हालांकि 16 मई को जानकी नवमी व 23 मई को पीपल पूर्णिमा का भी जबरदस्त सावा है।
बस्सी का कपड़ा मार्केट प्रसिद्ध है। यहां न केवल बस्सी उपखण्ड बल्कि दौसा जिले से भी लोग आते हैं। कपड़ा व्यापारी रामचन्द्र की माने तो इस बार आखातीज के सावे पर पिछले वर्ष की तुलना में अधिक मार्केट है। इधर गौर बाजार के कपड़ा मार्केट में एक बाजार कपड़े का ही है। इस बाजार में सुबह से शाम तक दुकानों पर ग्राहकों की जमकर भीड़ नजर आ रही है। कपड़ा व्यापारी ने बताया कि एक शादी में औसतन दूल्हा, दुल्हन व भात के लिए करीब एक लाख रुपए का कपड़ा जाता है। ऐसे में चार सौ शादियों में 4 करोड़ रुपए के कपड़े की बिक्री हो जाती है।
खाद्य पदार्थ के थोक विक्रेता विनय डंगायच ने बताया कि एक शादी में औसतन चीनी, तेल, घी, आटा, बेसन व घी आदि का करीब एक से डेढ़ लाख रुपए का सामान चला जाता है। आखातीज पर चार सौ शादियां हैं तो करीब 5 करोड़ रुपए का कारोबार हो जाता है
इस बार सोने-चांदी के भाव गत वर्ष के मुकाबले अधिक हाेने से जिन लोगों को जिस ज्वैलरी की अधिक जरूरत है वे ही ज्वैलरी बनवा रहे हैं। ऐसे में कारोबार भी प्रभावित हाे गया है। हालांकि बस्सी इलाके में आखातीज पर 7 करोड़ का कारोबार हो जाएगा। ज्वैलर्स ऐसोसिएशन अध्यक्ष सतीश सोनी ने बताया कि जिन लोगों को जो ज्वैलरी जरूरी ही है वे ही बनवा रहे हैं। फिर भी सात – आठ करोड़ रुपए का कारोबार तो हो ही जाएगा।
बस्सी में दोपहिया वाहन एजेंसी संचालक सन्नी वरधानी की माने तो आखातीज के सावे पर करीब 300 बाइक व पचास चौपहिया वाहनों की ब्रिकी हुई है। करीब-करीब ढाई करोड़ के चौपहिया वाहन व दस करोड़ के चौपहिया वाहन बिक गए
बस्सी में फर्नीचर विक्रेता निजाम खान ने बताया कि इस बार फर्नीचर की बम्पर बिक्री हो रही है। शादियों के लिए फ्रीज, कूलर, आलमारी, वाशिंग मशीन, बैड, कुर्सियां व बर्तन आदि का करीब एक लाख का सामान हो जाता है। ऐसे में फर्नीचर का भी करीब दो करोड़ रुपए का कारोबार हो जाएगा। शादियों में लड़की की शादी हो या लड़के की, टैंट में भी मोटा खर्च होता है। लड़की की शादियों में तो एक से डेढ़ लाख रुपए तो टैंट में खर्च होते हैं। लड़कों की शादियों में भी लग्न में टैंट व डेकोरेशन में भारी खर्च होता है।
शादियों में भोजन तैयार करने के लिए हलवाईयों की जरूरत पड़ती है। एक शादी में पचास हजार से लेकर एक लाख रुपए तक हलवाई की मेहनताना होता है। चार सौ शादियों में करीब 3 करोड़ रुपए का हलवाई मार्केट होता है। आखातीज के सावे पर शादियों में वाहन बुक होने की वजह से 10 मई को सड़कों से सवारी वाहन बस व कार गायब रहेगी। इससे आम सवारियों को खसी परेशानी होगी। आखातीज के सावे को लेकर जिला एवं उपखण्ड प्रशासन अलर्ट हो गया है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों को सूचना देने की जिम्मेदारी सौंप दी है।