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वन विभाग की कार्रवाई, राजस्थान के इस मंदिर का तोड़ा पिलर, भड़क गए ग्रामीण

Rajasthan News: भर्तृहरि महाराज मंदिर के पिलर तोड़ने पर वन विभाग की कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। विभाग ने इसे फॉरेस्ट लैंड पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई बताया।

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एक साल पहले डाली गई छत और कार्रवाई में तोड़े गए मंदिर के पिलर (फोटो: पत्रिका)

Forest Department Action: जमवारामगढ़ उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत रूपवास के लाल डूंगरी स्थित प्राचीन भर्तृहरि महाराज मंदिर के पिलरों को वन विभाग की टीम द्वारा तोड़े जाने का मामला सामने आया है। जिसका सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से क्षेत्र के लोगों में रोष फैल गया।

मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है जहां पुजारी बलदेव जोगी, प्रकाश जोगी, छोटू जोगी और कर्मचंद जोगी सहित कई श्रद्धालु नियमित रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। जानकारी के अनुसार वन विभाग की टीम ने अचानक मंदिर के सामने छत के पिलरों को हथौड़े से तोड़ने की कोशिश की।

इस दौरान छत के दो पिलर क्षतिग्रस्त हुए और लोहे के सरिए बाहर निकल आए। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह फॉरेस्ट लैंड में बने अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई थी। वन विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई केवल अतिक्रमण हटाने के लिए थी जबकि स्थानीय लोग इसे धार्मिक भावनाओं पर चोट मान रहे हैं।

ग्रामीणों का आक्रोश

ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर पर वन विभाग के इस कदम से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में धार्मिक स्थलों पर इस प्रकार की कार्रवाई से पहले स्थानीय लोगों को सूचना दी जाए और संतुलित समाधान निकाला जाए।

डीएफओ जयपुर के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। मंदिर फॉरेस्ट लैंड में बना हुआ हैं। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में केवल पिलर तोड़ा हैं। मंदिर चोटी पर बना हैं। पिलर नीचे बने हुए हैं।

राम नरेश मीना, फॉरेस्टर, कानोता नाका क्षेत्र

मंदिर को तोड़ने की सूचना मिली है। लाल डूंगरी जेडीए में आती हैं। मन्दिर को तोड़ना गलत हैं।

ताराचंद मीणा, सरपंच, ग्राम पंचायत रूपवास