
कोटपूतली (जयपुर)। एनजीटी की सख्ती के बाद अवैध बजरी खनन में लिप्त 134 लोगों से जुर्माना राशि वसूलने के लिए राजस्व प्रशासन हरकत में आ गया है। तहसीलदार भागीरथ चौधरी ने सभी 134 लोगों की भूमि रहन कर राज्य सरकार के नाम अंकन करने के आदेश के बाद संबंधित गिरदावर को भूमि कुर्क करने के आदेश दिए है, ताकि जमीन कुर्क कर जुर्माना राशि वसूल की जा सके।
यदि फिर भी जुर्माना राशि पूरी वसूल नहीं हो सकी तो इनकी चल अचल सम्पत्ति अटैच कर बाकी जुर्माना राशि वसूल करने की कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में संभवतया यह पहला मामला होगा, जबकि एनजीटी के आदेश पर जुर्माना राशि वसूलने के लिए राजस्व प्रशासन ने जमीन कुर्की के आदेश जारी किए गए हैं। एनजीटी के सख्त रवैये को लेकर यह मामला चार साल से चर्चित है।
उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने बजरी खनन में लिप्त 134 लोगों पर प्रति व्यक्ति पर 10 लाख रुपए जुर्माना वसूल कर बजरी खनन प्रभावित गांवों में वृक्षारोपण किए जाने के आदेश दिए थे, लेकिन एक भी व्यक्ति के राशि जमा नहीं कराई। इस पर एनजीटी ने पिछले महीने जिला कलक्टर को व्यक्तिश: उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए थे। जिला कलक्टर की ओर से एनजीटी में उपस्थित हुए कोटपूतली उपजिला कलक्टर ने 6 दिसम्बर तक जुर्माना राशि वसूल करने का शपथ पत्र दिया था, लेकिन एक भी व्यक्ति ने जुर्माना राशि जमा नहीं कराई। अब मजबूरन राजस्व प्रशासन को सख्ती बरतनी पड़ी।
एनजीटी के आदेश से हटे 150 बजरी क्रॅशर
दिल्ली, गुडग़ांव, नोएड़ा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नीमराणा आदि में बजरी की मांग अधिक होने से गत एक दशक में यहां 150 से अधिक बजरी क्रॅशर लग गए थे। इससे प्राकृतिक बहाव क्षेत्रों की तो दुर्गति हुई ही, साथ ही किसानों ने काश्त की जमीनों में बजरी खनन करा लिया। इससे जल स्तर गहरा चला गया और फसल उत्पादन में भी भारी गिरावट आ गई। इस पर सामाजिक कार्यकर्ता नित्येन्द्र मानव ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भोपाल के समक्ष जनहित याचिका दायर की।
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एनजीटी ने सुनवाई करते हुए 5 दिसम्बर 2013 को मुख्य सचिव, जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण को नोटिस जारी कर क्षेत्र में चल रहे बजरी क्रॅशरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रशासन ने 2 सप्ताह तक भारी पुलिस जाप्ते के साथ अभियान चलाकर 150 से भी अधिक क्रॅशरों को फाउंडेशन सहित तोडऩे की कार्रवाई की थी। एनजीटी के आदेश से अवैध बजरी खनन पर रोक लग गई। अब गिने-चुने लोग ही स्वयं के खेतों से बजरी का अवैध दोहन कर विक्रय कर रहे हैं।
शाहजहांपुर टोल नाके पर तैनात की थी पुलिस
एनजीटी ने बजरी से भरे वाहनों पर नजर रखने के लिए टोल बूथों पर पुलिस जाप्ता तैनात किए जाने के आदेश दिए थे। इसके बाद कई माह तक शाहजहांपुर टोल नाके पर पुलिस जाप्ता तैनात रहा था।
कहां कितनी जमीन पर होगा वृक्षारोपण
गांव क्षेत्रफल (हैक्टेयर)
बनार 26.58
पिचाणी 4.40
पवाना अहीर 87.04
खड़ब 11. 74
जयसिंहपुरा 51.16
टोरड़ा गुजरान 9.06
करवास 49.49
सरुण्ड 51. 21
शुक्लाबास 68.63
देवता 15.28
दस गांवों में होगा पौधरोपण
तहसील क्षेत्र के दस गांवों की कुल 374. 59 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण किया जाएगा। वसूल होने वाली जुर्माना राशि में से प्रारंभिक तौर पर 12 करोड़ 57 लाख 57 हजार रुपए खर्च होंगे। इस राशि से पौधरोपण के साथ-साथ सुरक्षा के लिए तारों की फैंसिंग, जल व मृदा संरक्षण के लिए तलाई निर्माण तथा बीज, औजार, कीटनाशक की खरीद व सुरक्षा पर खर्च किए जाएंगे।
दो बार तलब किए थे जिला कलक्टर
आदेशों की पालना में ढिलाई होने पर ट्रिब्यूनल ने पहली बार 02 दिसम्बर 2014 को जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक जयपुर, अलवर को भोपाल तलब किया था। जुर्माना राशि वसूलने में हो रहे विलम्ब को लेकर 6 नवम्बर 2017 को जिला कलक्टर जयपुर को भोपाल तलब किया गया था।
इनका कहना है...
एनजीटी के आदेश के बाद 134 लोगों से जुर्माना राशि वसूली के नोटिस जारी किए गए, लेकिन जुर्माना राशि जमा नहीं कराई। सम्बन्धित लोगों की भूमि रिकॉर्ड के अनुसार सरकार के नाम रहन की गई है और गिरदावर को जमीन कुर्क करने के आदेश दिए हैं। कुर्क करने की कार्रवाई पूरी होने पर जमीन नीलाम कर जुर्माना राशि वसूल की जाएगी।
भागीरथ चौधरी, तहसीलदार, कोटपूतली
Published on:
06 Dec 2017 08:54 pm
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