
फोटो: प्रमोद सोनी
Rajasthan Rain Alert: जयपुर। दक्षिणी उड़ीसा व आसपास के छत्तीसगढ़ क्षेत्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय होने से आगामी एक सप्ताह मेघ बरसने का सिलसिला जारी रहेगा। शुक्रवार को जयपुर सहित टोंक, भीलवाड़ा, सवाईमाधोपुर, उदयपुर, ब्यावर, झुंझुनूं, दौसा, अजमेर, सीकर, राजसमंद, कोटा सहित अन्य जिलों में मूसलाधार बारिश हुई। जयपुर में भी एक घंटे तक तेज बारिश हुई। शाम तक बीच-बीच में बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक जयपुर में 14 एमएम बारिश दर्ज की गई। हालांकि टोंकरोड, दुर्गापुरा, जेएलएन मार्ग, चारदीवारी सहित कई जगहों पर तेज बारिश दर्ज की गई।
जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में हल्की-मध्यम बारिश व दक्षिणी भागों में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। शनिवार को कोटा, उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। सितंबर के पहले सप्ताह में भी सीमावर्ती क्षेत्रों को छोड़कर राज्य के अधिकांश भागों में बारिश की गतिविधियां जारी रहने की प्रबल संभावना है।
बीते 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश भीलवाड़ा में 150 एमएम, डूंगरपुर में 76.5, डबोक में 25 एमएम, चूरू में 30.4 एमएम, अजमेर में 13.6, वनस्थली में 8.1, कोटा में 20 एमएम बारिश दर्ज की गई। भीलवाड़ा में तेज बारिश के अलर्ट के मद्देनजर शनिवार को सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है।
भीलवाड़ा में शुक्रवार को मेघ मेहरबान रहे। तीन घंटे हुई मूसलाधार बरसात ने शहर को तरबतर कर दिया। इससे टेक्सटाइल सिटी जलमग्न हो गई। झमाझम बरसात से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। शहर की एक दर्जन से अधिक कॉलोनियां पानी से घिर गई। लगातार बरसात से सड़कें दरिया बन गई और नाले उफान आ गए। सुबह 10.30 बजे से शुरू हुआ बरसात का दौर दोपहर डेढ़ बजे तक चला।
मानसून शुरू होने के दो माह बाद उदयपुर में मेघ जमकर बरस रहे हैं। जहां पिछले दिनों से जारी बरसात से झीलें लबालब हुईं, वहीं अब शहर और इसके साथ ही उन क्षेत्रों में बरसात हो रही है, जहां अब तक कमी बनी हुई थी। शुक्रवार को दिनभर में रुक-रुककर बरसात का दौर चलता रहा।
वल्लभनगर में सर्वाधिक दो इंच से ज्यादा बरसात हुई। उदयपुर शहर की करीब 30 फीसदी जलापूर्ति का जिम्मा संभालने वाले मानसी वाकल बांध के गेट शुक्रवार को खोल दिए गए। इधर, शहर में स्थित गोवर्धनसागर झील भी लबालब होकर ओवरफ्लो हो गई है। इसकी भराव पूर्ण भराव क्षमता नौ फीट है। लिहाजा जिले के अधिकांश जलस्रोत भर गए हैं।
Published on:
29 Aug 2025 09:21 pm
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