
नितिन कुमार शर्मा
रासायनिक खाद, कीटनाशी, हारमोन्स जैसे उत्पादों का प्रयोग नहीं कर केवल फसल चक्र, फसल अवशिष्ट, अन्य जैविक आदान, खनिज आदान तथा जीवाणु खादों के प्रयोग से फसल उत्पादन करने वाले किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा। कृषि विभाग की ओर से ऐसे किसानों को करीब 1 लाख रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। ब्यावर क्षेत्र के मसूदा और जवाजा ब्लॉक में जैविक खेती की जा रही है। कृषि विभाग की ओर से जैविक खेती करने वाले किसानों से ऑफलाइन आवेदन मांगे गए हैं। आगामी 31 दिसंबर तक संबंधित किसान इस योजना में हिस्सा लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
योजना के तहत ऐसे कृषक जो लगातार जैविक कृषि व उद्यानिकी फसलों का उत्पादन कर रहे हैं, उनका प्राथमिकता से चयन किया जाएगा। जिले से पुरस्कार के लिए जिला कलक्टर की अध्यक्षता में समिति का गठन कर व कृषि अधिकारियों को शामिल करके सत्यापित करके प्रविष्ठी आगे भेजी जाएगी। चयन के लिए कृषि से जुड़े फोटोग्राफ व पेनड्राइव भी भिजवाई जाएगी। राज्य पुरस्कार के लिए तीन कृषकों का चयन किया जाएगा।
सरकारी या निजी प्रमाणीकरण, वर्मी कपोस्ट ईकाई निर्माण व उपयोग, जैविक विधि से उपयोग बीजोपचार निर्माण, जैव उर्वरक खाद वर्मी, जैव कीट रोग प्रबंधन, हरी खाद, जैविक उत्पाद व इनका निर्यात, जैविक खेती से संबंधित साहित्य तैयार करना, जिला व उपजिला स्तर पर अवार्ड प्राप्त करने, जैविक विधियों का परीक्षण, जैविक गतिविधि नवाचार, कृषक ट्रेनिंग, कीटनाशी अवशेष परीक्षण, मृदा परीक्षण रिपोर्ट, जैविक उत्पाद का जैविक विधि से भंडारण, जैविक कृषि रूचि समूह, कृषि संबंधित साहित्य व पत्र-पत्रिकाओं, जैविक किसान मेला या गोष्ठी में सहभागिता, कृषि द्वारा राज्य या अंतरराज्य भ्रमण जैसे 20 बिंदुओं के आधार पर कृषकों का चयन होगा।
जैविक खेती अपनाकर उत्पादन करने वाले कृषकों के लिए योजना तैयार की गई है। मापदंड पूरे करने वाले कृषकों को एक लाख रुपए तक पुरस्कार दिया जाएगा। क्षेत्र में करीब 20 हैक्टेयर जमीन पर जैविक खेती की जा रही है। जवाजा और मसूदा में 14 कलस्टर्स बने हैं।
आर.सी. जैन, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार, ब्यावर
Published on:
05 Dec 2024 09:21 am
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