CG News: न्यायालय से मिली अग्रिम जमानत
उक्त प्रकरण में तत्कालीन शाखा प्रबंधक ओवीआर मूर्ति एवं बैंक के अधिकृत अधिवक्ता राम किंकर सिंह द्वारा फर्जी सर्च रिपोर्ट तैयार कर वर्ष 2009 में प्रस्तुत किया। दाढ़ी पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज किया। इसके बाद आरोपी ब्रांच मैनेजर एवं हरी राम को गिरफ्तार कर
न्यायालय में पेश किया जबकि अधिवक्ता रामकिंकर सिंह को सक्षम न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई।
उसे दोषी नहीं ठहराया जा सकता: न्यायमूर्ति
इस पूरे मामले में अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर वकील रामकिंकर सिंह हाईकोर्ट की शरण में गए। जहां न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, न्यायमूर्ति ए.के. प्रसाद ने सुनवाई करते हुए कहा कि वकील को तभी आरोपी बनाया जा सकता है। जब साबित हो उसने जानबूझकर
धोखाधड़ी के इरादे से किसी साजिश में भागीदारी हो। अदालत ने यह भी कहा कि वकील के खिलाफ अपराधिक मामला चलाने के लिए ठोस साक्ष्य होना चाहिए। केवल राय या रिपोर्ट देने से उसे दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
साजिश का कोई हिस्सा नहीं थे: अदालत
CG News: कोर्ट ने निचली अदालत के आरोप तय करने के आदेश को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराधिक कार्यवाही को समाप्त कर दिया। कोर्ट में वकील के वकील ने यह दलील दी कि रामकिंकर सिंह द्वारा सर्च रिपोर्ट तैयार किया गया था वे साजिश का कोई हिस्सा नहीं थे, जिसे कोर्ट ने गंभीरता से सुना।