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जिले के कॉलेज स्टूडेंट्स को सता रही कॅरियर की चिंता, पलायन करने के लिए हो रहे मजबूर

जिले के महाविद्यालयों में प्राध्यापकों नहीं, पीजी कॉलेज में प्राध्यापक के सातों पद रिक्त, बेहतर पढ़ाई के लिए दुर्ग-भिलाई व रायपुर के लिए कर रहे पलायन

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जिले के कॉलेज स्टूडेंट्स को सता रही कॅरियर की चिंता, पलायन करने के लिए हो रहे मजबूर

बेमेतरा. जिले में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले पं जवाहर लाल नेहरू स्नातकोत्तर महाविद्यालय (पीजी कॉलेज) में प्राध्यापकों के स्वीकृत शत-प्रतिशत पद रिक्त हैं। कमोबेश यही स्थिति शहर में स्थिति कन्या महाविद्यालय की भी है। प्राध्यापकों की कमी को देखते हुए जिले के प्रतिभावान विद्यार्थी दुर्ग-भिलाई और रायपुर जाकर पढऩे के लिए बेबस हैं।
सहायक प्राध्यापकों के भरोसे हो रही पढ़ाई
बताना होगा कि जिले के एकमात्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय मे बीते कई वर्षों से प्राध्यापकों की कमी बनी हुई है। शासन स्तर पर करीब 9 वर्ष पूर्व महाविद्यालय को स्नातकोत्तर महाविद्यालय का दर्जा दिया गया था। इसके साथ महाविद्यालय के लिए प्राध्यापक के 7 पद स्वीकृत किए गए थे, जिसमें रसायन शास्त्र, वनस्पति शास्त्र, गणित, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, भूगोल विषय के लिए पद स्वीकृत किए गए थे, लेकिन आज तक 7 पद रिक्त हैं। प्राध्यापकों के नहीं होने की वजह से सहायक प्राध्यापक स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं।
सहायक प्राध्यापक के भी पद रिक्त
महाविद्यालय में प्राध्यापक के अलावा 22 सहायक प्रध्यापक के पद स्वीकृत हैं। लेकिन इनमें से 14 ही पदस्थ हैं, जिसमे रसायन शास्त्र में 3, प्राणीशास्त्र में एक, गणित में दो, भौतिक शास्त्र में दो, वाणिज्य में एक, राजनीति शास्त्र में एक, समाज शास्त्र में एक, अर्थशास्त्र में एक और भूगोल में एक सहायक प्राध्यापक कार्यरत हैं। इनके अलावा प्राणीशास्त्र में एक, वनस्पति शास्त्र में दो, वाणिज्य में एक, अंग्रेजी में एक और इतिहास में एक सहायक प्राघ्यापक का पद रिक्त है। इसके अलावा स्वीकृत ग्रन्थपाल का एक, क्रीड़ा अधिकारी के एक पद रिक्त है।
कन्या महाविद्यालय को नहीं मिला स्टाफ
बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने जिले में 23 जुलाई 2012 को शुरू किए गए कन्या महाविद्यालय में भी स्टाफ की कमी है। महाविद्यालय के लिए स्वीकृत 12 सहायक प्राध्यपकों के पदों में केवल दो पदस्थ हैं, 10 रिक्त हैं। महाविद्यालय में हिन्दी, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, वनस्पति शास्त्र, जंतु शास्त्र, रसायन शास्त्र, भैातिक शास्त्र, गणित व वाणिज्य के लिए स्वीकृत पद आज तक नहीं भरे गए हैं। केवल दो पदों पर सहायक प्राध्यापक पदस्थ हैं।
रायपुर, भिलाई, दुर्ग का मोह पड़़ रहा भारी
बताना होगा कि उच्च शिक्षा संचालनालय द्वारा जारी आदेश के तहत जिले के विभिन्न महाविद्यालयों के लिए सहायक प्राघ्यापकों के स्थानांतरण के साथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के लिए पूर्णकालिन प्राचार्य की भी नियुक्ति की गई थी, लेकिन दुर्ग, भिलाई और रायपुर में कार्यरतों ने बेमेतरा में आने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। सूत्रों के अनुसार, साइंस कॉलेज दुर्ग के पूर्व प्राचार्य सुशील तिवारी को स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राचार्य नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें दुर्ग कन्या महाविदयालय में पदस्थ कर दिया गया है। इसके बाद नवागढ़ में पदस्थ अलका मेश्राम को प्राचार्य के तौर पर स्थानांतरित किया गया था, लेकिन उन्होंने ने भी पदभार ग्रहण नहीं किया।
संचालनालय को रिक्त पदों की दी है जानकारी
स्नातकोत्तर महाविद्यालय बेमेतरा के प्रभारी प्राचार्य डॉ. डी डे ने कहा कि महाविद्यालय में रिक्त पदों की जानकारी संचालनालय को दी गई है, साथ ही पदों पर नियुक्ति की भी मांग की गई है। कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य बीपी चंद्रवशी ने कहा कि महाविद्यालय में प्राध्यापकों के पदों की कमी है, जिसके लिए उच्च कार्यालय को पत्र लिखा गया है। फिलहाल, अतिथि प्राध्यापकों के सहारे काम चल रहा है। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजू साहू ने कहा कि जिला मुख्यालय में ही नहीं पूरे जिले के महाविद्यालयों में प्राध्यापकों की कमी है, जिसके कारण पडऩे वाले छात्र बड़े शहरों की ओर रूख करते हैं। जिले के महाविद्यालयों कोपूरा स्टाफ दिया जाए, जिससे छात्रों को लाभ मिल सके।