
MP में कफ सिरप से 14 बच्चों की मौत! अब छत्तीसगढ़ में भी Alert जारी, बिना डॉक्टर की पर्ची के नहीं मिलेगी दवा...(Photo parika)(फोटो- सोशल मीडिया)
Coldrif cough syrup ban: छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद बैतूल के आमला ब्लॉक के गांव कलमेश्वरा और जामुन बिछुआ में भी दो बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। दोनों बच्चों ने परिजनों ने छिंदवाड़ा के परासिया में ही डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास इलाज कराया था, जिसके बाद उन्हें कफ सिरप दिया गया और यह सिरप पीने के बाद उनकी हालत बिगड़ी और फिर बच्चों की मौत हो गई। मामला सामने आने के बाद में स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। (mp news)
विभाग द्वारा इसकी जांच कराई जा रही है। जांच के लिए टीम बनाई गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। परिजनों द्वारा अब डॉक्टर पर कार्रवाई और मुआवजा राशि की मांग की जा रही हैं। कलमेश्वरा निवासी कैलाश यादव ने बताया बेटे कबीर (4 वर्ष) की तबीयत खराब हुई थी। बेटे को सर्दी जुकाम हो रहा था।
जिस कारण परासिया के डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास 24 अगस्त को दिखाया था। उन्होंने बच्चों को कोल्ड्रिफ सिरप लिखी थी। दवा पीने के बाद बच्चे की हालत और बिगड़ गई। 30 अगस्त को वापस बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास गए तो उन्होंने दूसरी जगह जाने की सलाह दी। बच्चे को रुक-रुक कर यूरिन आ रही थी और खून की उल्टी हो रही थी। बच्चे को नागपुर दिखाया।
डॉक्टरों ने किडनी खराब होने की आशंका जताई थी और फिर बच्चे को इलाज के लिए बैतूल लाया। 7 सितंबर को बैतूल में निजी अस्पताल दिखाया तो डॉक्टर के कहने पर हमीदिया भोपाल में भर्ती किया था। में 8 सितंबर की सुबह 4 बजे कबीर की मौत हो गई। बताया जाता है कि छह सितंबर को कबीर का निजी अस्पताल में इलाज के दौरान एक्सरे कराया गया था। कैलाश को सीएमएचओ कार्यालय बुलाया गया था, जहां उसके बयान हुए है।
वहीं ग्राम जामुन बिछुआ निवासी निखिलेश धुर्वे ने बताया उसके ढाई वर्ष के बेटे गर्भित को सर्दी खांसी और बुखार आने पर 18 सितंबर को परासिया में डॉक्टर प्रवीण सोनी को दिखाया था। उन्होंने इलाज किया और खांसी की कोल्ड्रिफ दवाई दी थी। 2 दिन दवाई पिलाने के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। बच्चे को यूरिन रुक रुक कर आने लगी थी, जिसके में बाद बोरदेही में दिखाया। डॉक्टर ने बैतूल दिखाने की सलाह दी। बैतूल इलाज के बच्चे को लेकर पहुंचे, यहां भी बच्चे का इलाज किया।
डॉक्टर ने इसे भोपाल में दिखाने के लिए कहा। इसके बाद बच्चों को भोपाल एम्स में भर्ती किया था, यहां पर भी दो से तीन तक उसका इलाज हुआ, लेकिन उसके बाद भी जब आराम नहीं लगा तो घर लेकर के आ गए थे। घर में दिन तक बच्चा रहा और फिर 1 दिन 2 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई। धुर्वे का कहना है कि डॉक्टर द्वारा दिए गए सिरप की वजह से ही उसकी मौत हुई है। डॉक्टर पर कार्रवाई और परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए।
मृतक करीब के बेटे कैलाश यादव ने बताया उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे। इस वजह से पास की 3 एकड़ जमीन गांव में पटेल के पास 4.50 लाख में गिरवी रखी है। इलाज में लगभग 4.50 लाख रुपए का खर्चा आया है। कैलाश ने डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही मुआवजा राशि भी मांगी है, जिससे कि वह अपनी गिरवी जमीन को छुड़ा सके। कबीर, कैलाश का इकलौता बेटा था और आंगनबाड़ी में पढ़ाई के लिए जाता था।
गर्भित के परिजनों ने बताया बच्चे की मौत के बाद उसे पीछे ही बाड़ी में दफन किया है। बच्चे के साथ ही उसकी सभी दवाई और पर्ची के साथ ही कपड़े भी दफन कर दिए गए है। बच्चे की मौत के बाद रविवार को उसका तीसरा किया गया है।
बताया जा रहा है कि जिस तरह से दो बच्चों की मौत दवा पीने के बाद हुई है, इसमें एक बच्चे कबीर का तो अंतिम संस्कार किया गया है, लेकिन दूसरे बच्चे गर्भित को दफन किया गया है। जिससे संभावना जताई जा रही है कि पीएम के लिए बच्चों का शव निकाला भी जा सकता है।
ग्रामीणों ने बताया कि बीमार होने पर परासिया इलाज के लिए इसलिए जाते हैं कि यहां से आने-जाने के साधन मिल जाते हैं। परासिय की दूरी भी अधिक नहीं है। लगभग 55 किमी है। ट्रेनों की व्यवस्था भी आने जाने के लिए है।
मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए चार डॉक्टरों की टीम बनाई है। इसमें डॉक्टर राजेश परिहार, आशीष ठाकुर, प्रांजल उपाध्याय और औषधि निरीक्षक संदीप जादौन को शामिल किया गया है।
कफ सिरप पीने के बाद दो बच्चों की मौत की जानकारी लगी है। जांच के लिए डॉक्टरों की टीम बनाई है। कबीर के परिजनों के बयान दर्ज किए हैं। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अभी कोई शिकायत भी हमारे पास नहीं आई है फिर भी संज्ञान लेकर जांच कर रहे हैं। - डॉ. मनोज हुरमाड़े. सीएमएचओ बैतूल
दोनों बच्चे की मौत के मामले में जिले के किसी सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं हुआ है। में विक्रय कोल्ड्रिफ सिरप का बैतूल में नहीं हो रहा है। मेडिकल में भी इसकी बिक्री नहीं हो रही है। इसके बाद भी जांच की जा रही है।- नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर बैतूल
Updated on:
06 Oct 2025 09:46 am
Published on:
06 Oct 2025 09:08 am
बड़ी खबरें
View Allबेतुल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
