
MP News: बैतूल के टेमनी गांव में बालिकाएं मैदान में हर दिन करती हैं प्रेक्टिस। (फोटो: पत्रिका)
MP News: जिला मुख्यालय से 7 किमी दूर छोटा-सा गांव टेमनी पूरे प्रदेश में अपनी अलग पहचान बना रहा है। यह भी शहडोल के विचारपुर की तरह फुटबॉल की नर्सरी बन रहा है। यहां की अधिकांश आदिवासी बालिकाओं ने खेल से प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। अब तक गांव से 10 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर, 40 खिलाड़ी राज्य स्तर और 100 खिलाड़ी संभाग स्तर पर खेल चुके हैं।
गांव के ही राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी (National Football Player) कृष्णकांत उइके ने पांच साल पहले 2020 से बच्चों को फुटबॉल का नि:शुल्क प्रशिक्षण देना शुरू किया था। पहले सिर्फ लड़कों ने रुचि दिखाई। धीरे-धीरे आदिवासी बच्चियां आगे आईं। महज दो साल में अधिकांश बालिकाएं फुटबॉल खेलने लगीं। अभी 80 से अधिक बालक- बालिकाएं फुटबॉल खेल रही हैं।
फैक्ट
-सरस्वती भलावी का चयन स्टेट सब-जूनियर फुटबॉल टीम।
-निकिता उइके सीनियर महिला फुटबॉल के नेशनल कैंप तक पहुंचीं।
- 11 खिलाड़ी सुब्रतो कप में शामिल, फाइनल तक पहुंचीं।
प्रशिक्षक कृष्णकांत बताते हैं, गांव में बेहतर खेल मैदान नहीं है। बच्चे फटे-पुराने जूतों में अभ्यास करते हैं। उनके माता-पिता ज्यादातर मजदूरी करते हैं। ऐसे में खेल सामग्री जुटाना मुश्किल होता है। इसके बाद भी संघर्ष और प्रतिभा से उन्होंने उपलब्धियां हासिल कीं।
कोच कृष्णकांत उइके हर साल अपने प्रयासों से गांव में ओपन नेशनल फुटबॉल टूर्नामेंट कराते हैं। उनका सपना है कि गांव के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे।
Published on:
01 Sept 2025 09:30 am
बड़ी खबरें
View Allबेतुल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
