
जयपुर। सोशल मीडिया पर गत दिनों वायरल हुए भरतपुर के बांध बारैठा की घटना को आचार्य प्रशांत ने चिन्ताजनक बताते हुए दुख जताया है। आचार्य ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, सोशल मीडिया पर लाइक्स और व्यूज के लिए शायद अब किसी की जान भी मायने नहीं रखती। हम एक चिंताजनक ट्रेंड देख रहे हैं: जहां सिर्फ युवा ही नहीं, बल्कि माता-पिता ही अपनी संतान की जान को खतरे में डाल रहे हैं। वो भी तुरंत मिलने वाली शोहरत और सोशल मीडिया पर वेलिडेशन के लिए। उन्होंने लिखा कि दुख की बात ये है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो वाली घटना 4 जुलाई की बताई जा रही है। जिसका वीडियो दो-तीन दिन बाद वायरल हुआ। वीडियो में एक दंपती और अपनी लगभग पांच साल की बच्ची को बांध बरैठा की रैलिंग के पार लगे एंगलों पर उतार देते हैं। इस दौरान बच्ची बेहद डरी हुई नजर आ रही थी। फिर भी युवक उसे वहां लगे गेज बॉक्स पर बैठने का इशारा करता है। बच्ची लड़खड़ाते कदमों से गेज बॉक्स तक पहुंच बैठ जाती है तो युवक उसे दूसरी तरफ देखने का इशारा करता है।
क्या हो अगर वह फिसल जाती?, क्या हो अगर उसे तैरना नहीं आता? एक छोटी बच्ची घबराई और डरी हुई, जिसे बिना किसी सुरक्षा उपकरण या लाइफ जैकेट के एक पतली लोहे की एंगल पर बैठने के लिए मजबूर किया जाता है। एक गलत मूवमेंट और बच्ची बह सकती थी, यह जानते हुए भी। मगर शायद ये सब मायने नहीं रखता था।उसके पिता के लिए ज़्यादा अहम था एक परफेक्ट रील बनाना, ताकि ज्यादा लाइक्स और व्यूज़ मिलें।
Published on:
15 Jul 2025 09:57 pm
बड़ी खबरें
View Allभरतपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
