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Rajasthan: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिर्राज प्रसाद तिवारी पंचतत्व में विलीन, CM भजनलाल शर्मा ने दी श्रद्धांजलि

Giriraj Prasad Tiwari Passed Away: राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और भरतपुर के वरिष्ठ नेता गिर्राज प्रसाद तिवारी का शुक्रवार को 105 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

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CM Bhajanlal

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Giriraj Prasad Tiwari Passed Away: राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और भरतपुर के वरिष्ठ नेता गिर्राज प्रसाद तिवारी का शुक्रवार को 105 वर्ष की आयु में निधन हो गया। आज ही गिर्राज प्रसाद तिवारी के पैतृक गांव बयाना के बिडयारी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने दी अंतिम विदाई

शुक्रवार दोपहर 1:15 बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बयाना के बिडयारी गांव पहुंचे। उन्होंने गिर्राज प्रसाद तिवारी की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। इस दौरान उनके साथ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, बयाना विधायक डॉ. ऋतु बनावत, वैर विधायक बहादुर सिंह कोली और भाजपा जिला अध्यक्ष शिवानी दायमा भी मौजूद रहे। तिवारी के परिवार, समर्थकों और स्थानीय लोगों की भारी भीड़ ने उन्हें अंतिम विदाई दी।

शोक संदेश: नेताओं ने जताया दुख

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तिवारी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनका योगदान राजस्थान की राजनीति और समाज के लिए अविस्मरणीय रहेगा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने लिखा कि गिर्राज प्रसाद तिवारी का निधन अत्यंत दुखद है। उनका संयमित और प्रेरणादायक जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय है।

वकालत से शुरू हुआ था सफर

गिर्राज प्रसाद तिवारी का जन्म 1920 में बयाना के बिडयारी गांव में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वकालत से की और इस क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। धीरे-धीरे उनका रुझान राजनीति की ओर बढ़ा और उन्होंने जनसेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। तिवारी ने अपनी मेहनत और लगन से न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राज्य स्तर पर भी अपनी पहचान स्थापित की।

राजनीतिक योगदान और विरासत

गिर्राज प्रसाद तिवारी का राजनीतिक जीवन प्रेरणादायी रहा। उन्होंने स्थानीय स्तर पर प्रधान और जिला प्रमुख के रूप में कार्य करते हुए जनता की सेवा की। इसके बाद वे दो बार विधायक चुने गए और विधानसभा में जनता के मुद्दों को दृढ़ता से उठाया। उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान 1985 से 1990 तक राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के रूप में रहा। इस दौरान उनकी निष्पक्षता, संयम और नेतृत्व कौशल की व्यापक प्रशंसा हुई। उन्होंने विधानसभा की गरिमा और परंपराओं को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब

बिडयारी गांव में तिवारी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान उनके परिवार, समर्थक और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है, और लोग उनके योगदान को याद कर रहे हैं। तिवारी का जीवन और उनकी विरासत लंबे समय तक लोगों के दिलों में जीवित रहेगी।