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Food Security Scheme : राजस्थान में मुफ्त गेहूं को लेकर आई बड़ी खबर, विभाग ने लिया यू-टर्न, जानें लेटेस्ट अपडेट

Food Security Scheme Update : अपात्र को गेहूं देने के मामले पर खाद्य व राशन विभाग ने अचानक यू-टर्न लिया। विभाग ने मौखिक आदेश जारी कर पूरा अभियान ‘होल्ड’ कर दिया। क्यों, जानें?

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Rajasthan Food Security Scheme update Department sudden U-turn Will ineligible get wheat or not decision on hold

फाइल फोटो पत्रिका

Food Security Scheme Update : राजस्थान में सरकारी आदेश अब मौसम की तरह हो चले हैं। कब बदल जाएं, किसी को भरोसा नहीं। कुछ दिन पहले तक रसद विभाग तलवार की धार पर चल रहा था। पूरे प्रदेश में जोर-शोर से डाटा मिलान, किसानों की जोत नाप, लिस्टों की छंटाई और बड़े किसानों की राशन से छुट्टी कराने की तैयारियां अंतिम दौर में थीं। भरतपुर में तो 2100 किसानों की लिस्ट भी तय हो चुकी थी। सरकार का संदेश साफ था कि जितनी बड़ी जोत, उतना दूर सरकारी गेहूं, लेकिन कुछ ही दिन में पूरा मामला पलट गया।

विभाग ने अचानक मौखिक आदेश जारी कर पूरा अभियान ‘होल्ड’ कर दिया। यानि जो किसान पिछले कुछ दिन पहले तक ‘अपात्र’ घोषित हो चुके थे, वे अब दोबारा ‘विचाराधीन’ श्रेणी में पहुंच गए हैं। न लिस्ट हटेगी, न अभी नाम कटेंगे। विभाग के भीतर इसे यू-टर्न कहा जा रहा है, जबकि बाहर के लोग इसे ‘नीति का ब्रेक-लगा मोड’ बता रहे हैं।

तेज प्रक्रिया अचानक पार्किंग मोड में चली गई

सूत्रों का कहना है कि किसानों में बढ़ती नाराजगी की आंच सरकार तक पहुंची और अफसरों को निर्देश आया कि फिलहाल किसी को राशन से बाहर नहीं जाए, जो प्रक्रिया पिछले दिनों तेज रफ्तार में थी, वह अब पार्किंग मोड में चली गई है। कई जिलों में तो अपात्र किसानों की अंतिम सूची भी बन चुकी थी, लेकिन अब वे फाइलें शांत कोने में रख दी गई हैं।

फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं होगा

उल्लेखनीय है कि विभाग हाल ही में दावा कर रहा था कि 2.47 है€क्टेयर से ज्यादा जमीन वालों को गरीब श्रेणी में रखना अनुचित है। अब वही विभाग कह रहा है कि फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं होगा।

अब किसी के हाथ से नहीं छिनेगा सरकारी गेहूं का कटोरा

जिम्मेदार अधिकारी इसे पुनर्विचार बता रहे हैं, जबकि किसान इसे चुनावी विचार से जोड़कर देख रहे हैं। जमीन वही है, किसान वही हैं, लेकिन सरकार की राय बदल गई है। बड़े किसानों की सांसें जहां अब कुछ सामान्य हुई हैं, वहीं छोटे किसानों के बीच यह सवाल तैर रहा है कि यदि बड़े किसानों को बाहर नहीं करना था, तो इतनी भागदौड़ और फाइलों का व्यायाम क्यों कराया गया। फिलहाल इतना तय है कि सरकारी गेहूं का कटोरा अभी किसी के हाथ से नहीं छिनेगा।

अब प्रक्रिया होल्ड पर गई

प्रदेश स्तर से पूर्व में, पीएम सम्मान निधि में निर्धारित जमीन से ज्यादा जमीन वाले किसानों की छंटनी के निर्देश मिले थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया होल्ड कर दी गई है। आगामी आदेशों तक यह प्रक्रिया स्थगित ही रहेगी।
पवन अग्रवाल, जिला रसद अधिकारी, भरतपुर

जिले में बड़े किसानों का यह डाटा हुआ था तैयार

Žलॉक - किसान
उच्चैन - 217
नदबई - 167
बयाना - 474
भरतपुर - 102
भुसावर - 241
रूपवास - 262
वैर - 228
सेवर - 422।