
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan Scheme : उत्तराखण्ड राज्य की सफल होम-स्टे पर्यटन नीति से प्रेरणा लेते हुए राजस्थान में भी ग्रामीण होम स्टे योजना लागू करने की मांग समृद्ध भारत अभियान के निदेशक सीताराम गुप्ता ने राज्य के पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर की है। ताकि राजस्थान में पर्यटन के साथ-साथ डेस्टिनेशन वेडिंग और मेडिकल टूरिज्म के बढ़ावा मिल सके। इससे क्षेत्र के निवासियों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो सके।
उत्तराखण्ड सरकार की ओर से लागू की गई होम-स्टे नीति के अंतर्गत प्रारंभ में छह कमरों की अनुमति दी गई थी, जिसे सफलता के बाद बढ़ाकर 10 कमरे कर दिया गया है। साथ ही बिजली दरों को व्यावसायिक के स्थान पर घरेलू श्रेणी में रखा गया। इससे पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन में उल्लेखनीय कमी आई है। स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।
राजस्थान में पहले ही होटल उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए व्यावसायिक के बजाय औद्योगिक बिजली टैरिफ लागू कर चुका है, जिससे कोरोना काल में बुरी तरह प्रभावित हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पुनर्जीवित हुआ है।
इकोनॉमिक टाइ्म्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान पर्यटन नीति-2017 के चलते राज्य में देशभर में औसतन सबसे अधिक कमरे उपलब्ध हैं। गुप्ता ने सुझाव दिया गया है कि यदि राजस्थान में होम-स्टे योजना की शुरुआत राजसमंद जिले से की जाए तो इसे अत्यंत सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
राजसमंद अपनी विशाल और सुंदर झील, ऐतिहासिक द्वारकाधीश मंदिर तथा निकटवर्ती नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर, सावलिया सेठ, महाराणा प्रताप के चेतक स्थल सहित अनेक प्रमुख पर्यटन स्थलों के कारण पर्यटकों को कम से कम 7 दिनों तक आकर्षित करने की क्षमता रखता है। वर्तमान में होम-स्टे सुविधा के अभाव में पर्यटकों को वहां से शीघ्र लौटना पड़ता है।
सीताराम गुप्ता ने लिखे गए पत्र में कहा कि राजस्थान में सोलर ऊर्जा के बाद पर्यटन विस्तार की सबसे अधिक संभावनाएं है। ऐसे में होम-स्टे, डेस्टिनेशन वेडिंग और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई और प्रगतिशील नीति की शुरुआत राज्य के पर्यटन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
Published on:
21 Dec 2025 11:58 am
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