
शाला उत्सव के 15 दिन बाद भी स्कूलों में नहीं पहुंची किताबें (Photo Patrika)
CG News: पिछले साल शासकीय स्कूलों के बच्चों की किताबें कबाड़ियों के पास मिली थीं। इसके बाद जमकर बवाल मचा। बाद में विभाग ने तय किया गया कि सभी किताबों को बारकोर्ड से लैस किया जाएगा, जिसे पता लगाया जा सके कि ये किताबें किस स्कूल के नाम से आई थीं और बाहर कैसे निकली। अब यह बारकोड बच्चों और शिक्षकों के लिए सिरदर्द बन गया है।
शासकीय स्कूलों के बच्चों के लिए जो किताबें स्कूलों तक पहुंच रही है, उसके बारकोड स्कैन नहीं हो रहे। इसकी वजह से शासकीय स्कूलों के बच्चे शाला उत्सव के 15 दिन बाद भी अब तक किताब विहीन हैं। स्कूलाें में पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है। आलम यह है कि, संकुल स्तर पर भी किताबें नहीं पहुंच पाई हैं।
पहले ही किताबों को लेकर स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो गई है वहीं बताया जा रहा है कि संकुल तक किताबें पहुंचने में अभी एक हफ्ता और लग सकता है।
इन तमाम दिक्कतों को लेकर बुधवार को एनएसयूआई प्रतिनिधि तुषार कुमार के नेतृत्व में डीईओ कार्यालय का घेराव किया गया। एनएसयूआई ने डीईओ को ज्ञापन सौंपा। इस समस्या का जल्द निराकरण करने की मांग की।
आधी स्कूलों में ही बांटी गई किताबें
जिला स्तर पर पुस्तक वितरण का काम लगभग 17 दिन पीछे चल रहा है। अभी भी जिले की आधी से अधिक स्कूलों में पुस्तक नहीं पहुंच पाई है। जिला एनएसयूआई ने इसे विद्यार्थियों के साथ सीधा खिलवाड़ बताया है। इस अवसर पर मुय रूप से आदित्य नारंग, रोहन ताम्रकार, लक्ष्य शर्मा, आकाश दहत सचिव, आदिल खान जिला उपाध्यक्ष एनएसयूआई), निउब सिंह, आलोक शर्मा, आयुष चंद्रा, यश सोनी समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
Updated on:
03 Jul 2025 01:16 pm
Published on:
03 Jul 2025 01:13 pm
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