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75 नंबर के पेपर में 86 अंक मिल सकते हैं क्या? नहीं, पर सीजी के हेमचंद यूनिवर्सिटी में हुआ है ऐसा कमाल

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने एक और कारनामे को अंजाम दिया है। विवि ने बीए भाग-२ के नतीजे जारी किए हैं, जिसमें एक छात्रा को 75 अंकों के अंग्रेजी के पर्चे में 86 अंक दिए गए हैं।

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हेमंचद यादव विश्वविद्यालय: पीएचडी प्रवेश परीक्षा रिजल्ट, अंग्रेजी और गणित में एक भी क्वालीफाई नहीं

भिलाई. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने एक और कारनामे को अंजाम दिया है। विवि ने बीए भाग-२ के नतीजे जारी किए हैं, जिसमें एक छात्रा को 75 अंकों के अंग्रेजी के पर्चे में 86 अंक दिए गए हैं। इससे विवि के सॉफ्टवेयर में बड़ी गड़बड़ी की पोल खुल गई है। मामले का खुलासा मंगलवार को हुआ, जब छात्रा विवि पहुंची। विवि ने इस छात्रा का रिजल्ट रोका है। उसे पुरानी मार्कशीट लेकर बुलाया गया था, ताकि अंक जोड़े जा सकें, लेकिन एक नई लापरवाही सामने आई। अधिकारियों ने एजेंसी को तुरंत गलती सुधारने की हिदायत दी, लेकिन शाम तक भी अंक नहीं बदले गए। विवि इसे सामान्य मामला बता रहा है।क्या

ओएमआर शीट में हुई गलती?
अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह गलती मूल्यांकन के दौरान हुई जब मूल्यांकनकर्ता ने ओएमआर शीट में अंक देने के लिए गोले लगाए। यदि गोले लगाते वक्त गलती हो गई होगी, तब भी विवि सॉफ्टवेयर का सेटअप ऐसा है कि वह तय अंक से अधिकतम पर ऐरर दिखाएगा या गलती जाहिर करेगा। मगर, विवि सॉफ्टवेयर ने ऐसा नहीं किया, बल्कि ७५ के पेपर में ८६ अंक दे दिए। इससे भी बड़ी बात यह कि जिस परीक्षा में दो प्रायोगिक पेपर हुए उसमें विवि ने सिर्फ एक का अंक ही फीड किया, जबकि दूसरे प्रायोगिक परीक्षा के अंकों को लिया ही नहीं। अंक फीड कराने छात्राएं विवि पहुंची तब जाकर विवि ने अपनी गलती मानी।

इससे पहले भी आ चुके हैं मामले
इससे पहले भी विवि का सॉफ्टवेयर और परीक्षा एजेंसी दगा दे चुकी है। पूर्व में विवि के रिजल्ट में सॉफ्टवेयर ने अधिकतम अंकों के कॉलम में न्यूनतम अंक फीड किए थे। इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी। इसी तरह सेमेस्टर परीक्षा के दौरान सॉफ्टवेयर ने उनके आवेदन भी स्वीकार कर लिए थे, जिन्होंने पूर्व परीक्षा उत्तीर्ण ही नहीं की।

यह सॉफ्टवेयर की सामान्य त्रृटि
हेमचंद विवि के कुलसचिव डॉ. राजेश पांडेय ने कहा कि यह सॉफ्टवेयर की सामान्य त्रृटि थी, जिसे तुरंत ही ठीक करा लिया गया। ऐसे और दूसरे मामले सामने नहीं आए हैं। परीक्षा में प्रायोगिक के अंक शामिल नहीं होने की शिकायत लेकर छात्राएं आईं थी, जिसे सही करा दिया गया।