
Fraud News: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से हुबहू आवाज में बात कर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय है। इसी हथकंडे का इस्तेमाल कर ठगों ने एक डॉक्टर को डेढ़ लाख की चपत लगा दी। इस आधुनिक तकनीक का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। दूसरी ओर पुलिस विभाग के पास सिर्फ जागरुकता के अलावा और कोई तोड़ नहीं है।
नेवई थाना अंतर्गत रिसाली क्षेत्र में रहने वाले एक डॉक्टर को ठग ने कॉल किया। उसने डॉक्टर के बेटे की आवाज को क्लोन किया। डॉक्टर को बताया कि तुम्हारे बेटे पर रेप का आरोप है। उसे अरेस्ट किया गया है और छुड़ाने के लिए डेढ़ लाख रुपए देना होगा। डॉक्टर ने घबराकर डेढ़ लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया। बाद में पता चला कि उसका बेटा टाकिज में बैठा था।
ठग ने डॉक्टर से कहा कि लो अपने बेटे से बात कर लो। उधर से हूबहू अपने बेटे की आवाज सुनकर डॉक्टर घबरा गया। ठग ने इसका पूरा फायदा उठाया। डॉक्टर ने उसके बताए अकाउंट पर डेढ़ लाख रूपए ट्रांसफर कर दिया। बाद में बेटे से बात होने पर उसे ठगी का एहसास हुआ। तब उसने इसकी शिकायत पुलिस में की। घटना की जांच पुलिस की शिकायत साइबर कर रही है।
सीसीटीएनएस प्रभारी व साइबर प्रहरी के नोडल अधिकारी डॉ. संकल्प राय ने बताया कि आज एंड्राइड मोबाइल आम हो गया है। मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन मोबाइल में ऐसी सुविधाएं है, जिसके बारे में जानकारी नहीं है।कॉलर आईडी सुविधा को हमेशा एक्टिव रखें। इससे यह पता चलेगा कि कौन कॉल कर रहा है।
ऐसे कॉल्स आ रहे हैं तो उससे घबराएं नहीं, बात करें। वह आपको अपना परिचित बता रहा है तो उससे पर्सनल सवाल पूछें। यदि ठगी करने वाला आपके पिता, दोस्त बनकर फोन कर रहा है तो उससे कुछ निजी बातें पूछें, जो केवल आपको और आपके पिता के दोस्त को पता है। जैसे अंकल आप आखिरी बार कब आए थे। आपकी बेटी की शादी कहां होने वाली है? पापा ने आपके साथ कब खाना खाया। किसी परिचित का नम्बर मांगें।
भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान फिलहाल नहीं है। ऐसी कॉल आने पर घबराएं नहीं, कॉल को डिस्कनेक्ट कर दें और अपनी फैमिली और दोस्तों को भी इस बारे में जानकारी दें। आप ऐसी कॉल आने पर 1930 पर कॉल कर सूचित कर सकते हैं।
● - बैंक डिटेल पासवर्ड, बैंक अकाउंट आदि गोपनीय चीजों को शेयर न करें।
● - पुलिस ऐसे ही किसी को गिरफ्तार नहीं करती है। इसलिए डरे नहीं।
● - कोचिंग, स्कूल, मार्केट में किसी को भी मोबाइल और नम्बर नहीं दें। ठग यहीं से डेटा चोरी कर ठगी का हथकंडा अपनाते हैं।
● - किसी भी कॉल आने पर भूल कर भी आधार नम्बर न दें।
● - चंद दिनों में अमीर बनने का ख्वाब दिखाते हैं
● - हाईटेक तकनीक में दक्ष युवाओं को अपने नेटवर्क से जोड़ते हैं
● - हवाला कारोबारी पैसे पहुंचाने के लिए कैरियर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं
● - चेन बनाकर व्यापार करना, क्रिप्टो करेंसी में निवेश कराने पर कमीशन का लालच देते हैं
भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई प्रावधान फिलहाल नहीं है। ऐसी कॉल आने पर घबराएं नहीं, कॉल को डिस्कनेक्ट कर दें और अपनी फैमिली और दोस्तों को भी इस बारे में जानकारी दें। आप ऐसी कॉल आने पर 1930 पर कॉल कर सूचित कर सकते हैं।
Published on:
19 Jul 2024 12:29 pm
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