
मोहम्मद जावेद @। Computer literacy: डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से कदम तो बढ़ा दिए, पर डिजिटल इंडिया का सपना अगले कुछ सालों में भी पूरा हो पाना मुश्किल लग रहा है। हाल ही में जारी नेशनल सैंपल सर्वे डिपार्टमेंट (एनएसएस, भारत सरकार) की एक रिपोर्ट ने डिजिटल इंडिया के ख्वाब दिखाने और उन्हें हकीकत में बदलने के लिए लोगों को प्रेरित करने वालों को हैरान कर दिया है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ में कम्प्यूटर लिटरेसी (कंप्यूटर चलाने का सामान्य ज्ञान) न के बराबर है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 95.1 फीसदी को ई-मेल करना नहीं आता। कम्प्यूटर पर सामान्य फोल्डर बनाने से लेकर फाइल को कॉपी-पेस्ट करने की भी लोगों को सामान्य समझ नहीं है। छत्तीसगढ़ में सिर्फ 5 फीसदी लोग ही मोबाइल और कम्प्यूटर पर ई-मेल पढ़ और भेज सकते हैं। इस आंकड़े में भी 4.33 फीसदी हिस्सा युवाओं का है।
एनएसएस की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कुल कम्प्यूटर यूजर्स में से 95.1 फीसदी से ज्यादा ऐसे हैं जिन्हें मेल करना नहीं आता। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो मेल के साथ ही टेक्स्ट फाइल तक बनाना नहीं जानते। भले ही राज्य सरकार की ओर से कम्प्यूटर की शिक्षा व कौशल उन्नयन पर जोर दिया जा रहा हो, लेकिन वास्तिविक स्थिति कुछ और ही है।
रिपोर्ट दर्शाती है कि देश में जितने भी कम्प्यूटर यूजर्स हैं उनमे से केवल 14.2 फीसदी ही टैक्स्ट फाइल क्रिएट कर पाते हैं। जबकि 12 फीसदी मेल भेज सकते हैं। जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में अन्य प्रदेशों के अनुपात में राज्यों से ज्यादा बेहतर स्थिति है।
एक्सपट्र्स का कहना है कि एनएससी की रिपोर्ट देश के सभी राज्यों को दर्शाती है, लेकिन शहरवार देखा जाए तो ट्विनसिटी में ऐसे आंकड़े नहीं बनते। यहां युवाओं में कम्प्यूटर लिटरेसी को लेकर भ्रम नहीं है, जबकि घरेलू व कामकाजी महिलाएं भी डिजिटल वर्क की समझ रखती हैं। ट्विनसिटी में यह आंकड़ा 52 फीसदी के आसपास हो सकता है।
Published on:
28 Jun 2024 11:13 am
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