
IIT Bhilai: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में एग्रीकल्चर की संभावनाओं को बेहतर बनाने में भी अब आईआईटी भिलाई मदद करेगा। इसके लिए आईआईटी भिलाई और रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के बीच एमओयू किया गया है। इस तरह अब प्रदेश के दो संस्थान मिलकर शोध, शिक्षा और तकनीक के सहारे कृषि के क्षेत्र में नई क्रांति लाएंगे।
आईआईटी भिलाई आईजीकेवी को टेक्निकल सपोर्ट देगा। यहां होने वाली रिसर्च के लिए एक्सपर्ट के तौर पर कृषि विश्वविद्यालय सहयोग करेगा। दोनों संस्थानों के बीच विद्यार्थियाें के प्रशिक्षण, गुणवत्तापूर्ण स्नातकोत्तर शोध, संकाय शोध और अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास की संयुक्त परियोजनाओं पर काम शुरू होंगे।
दोनों संस्थानों के बीच यह पांच वर्षीय समझौता किया गया। समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई के निदेशक डॉ. राजीव प्रकाश ने हस्ताक्षर किए। दोनों संस्थानों में उपलब्ध छात्रावास सुविधा का लाभ भी ले सकेंगे।
दोनों संस्थान उपलब्ध सूचनाओं, वैज्ञानिक या तकनीकी डेटा, प्रौद्योगिकी और अन्य जानकारियों का भी परस्पर उपयोग कर सकेंगे। संकाय सदस्य भी एक-दूसरे संस्थान में शोध एवं अनुसंधान कार्य संपादित कर सकेंगे। इस अवसर पर आईजीकेवी के अधिष्ठाता डॉ. जीके दास, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. विनाय पाण्डेय भी मौजूद थे।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई में संपन्न समझौते के तहत दोनो संस्थानों में स्नातकोत्तर और शोध पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शोध कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए दोनों संस्थान एक-दूसरे को मान्यता देंगे। दोनों संस्थानों में उपलब्ध शोध सुविधाओं और पुस्तकालय सुविधाओं का उपयोग भी किया जा सकेगा।
Published on:
15 May 2025 01:00 pm
बड़ी खबरें
View Allभिलाई
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
