
आयकर विभाग ने ऐसे टैक्सपेयर को खबरदार किया है जिन्होंने 87ए के तहत छूट ली है। (फोटो : फ्री पिक)
Income Tax Return 2025: गैर ऑडिट मामलों में आयकर रिटर्न दाखिले करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर रखी गई है। ऐसे में यदि आपने तय समय-सीमा में रिटर्न दाखिल नहीं किया तो लेट फीस और ब्याज के साथ भुगतान करना होगा। समय सीमा के बाद रिटर्न दाखिल करने पर 5 हजार रुपए तक की लेट फीस देनी होगी।
वहीं बकाया टैक्स पर ब्याज भी लगेगा। समय पर रिटर्न दाखिल न करने पर व्यापारिक हानियों या शेयर मार्किट निवेश में हुई हानि को अगले वर्ष कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा ऐसे करदाताओं को आयकर विभाग नोटिस भी जारी कर सकता है।
आईटीआर आपकी आय, टैक्स भुगतान और वित्तीय स्थिति का आधिकारिक रिकॉर्ड होता है।
भविष्य में लोन, वीजा या बड़े वित्तीय लेन-देन में यह दस्तावेज बहुत मददगार होता है।
बैंक और वित्तीय संस्थाएं आईटीआर को आय का प्रमाण मानकर लोन (हाउसिंग लोन, पर्सनल लोन, कार लोन) और क्रेडिट कार्ड स्वीकृत करती हैं।
विदेश यात्रा या वीजा आवेदन में आईटीआर की प्रति मांगी जाती है।
यह आपकी आय और टैक्स कंप्लायंस का प्रमाण देती है।
टैक्स रिफंड प्राप्त करने का अधिकार होता है।
यदि टीडीएस या अग्रिम कर अधिक कट गया है तो रिफंड प्राप्त करने के लिए आईटीआर दाखिल करना आवश्यक है।
बीमा क्लेम, इनकम प्रूफ, संपत्ति खरीद-बिक्री या कानूनी मामलों में आईटीआर मजबूत सबूत का कार्य करता है।
भले ही आय कर योग्य न हो, लेकिन रिटर्न भरने से व्यापार/कैपिटल गेन की हानि को भविष्य में समायोजित किया जा सकता है।
आयकर रिटर्न भरने से यह फायदा
समय पर रिटर्न दाखिल करना न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह करदाता को कई परेशानियों और दंड से भी बचाता है। सभी करदाता अंतिम तिथि 15 सितम्बर से पहले अपनी आयकर रिटर्न अवश्य भरें। सीए मिनेश जैन, टैक्स एक्सपर्ट
किन्हें रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है
जिनकी आय कर योग्य सीमा 2.5 लाख से अधिक है।
सभी कंपनियों, फर्मों एवं एलएलपी को, आय चाहे कुछ भी हो।
जिनके पास विदेश में संपत्ति या बैंक अकाउंट है।
यदि किसी ने बैंक में 1 करोड़ से अधिक जमा, क्रेडिट कार्ड पर 1 लाख से अधिक कैश खर्च या 10 लाख से अधिक विदेशी यात्रा व्यय किया है।
आयकर अधिनियम की धारा 139(1) के अंतर्गत अन्य निर्दिष्ट श्रेणियां भी इसमें आएंगी।
सावधानियां रिटर्न भरते समय
कटौती (डिडक्शन) का दावा केवल वैध और प्रमाणित दस्तावेजों पर आधारित होना चाहिए।
झूठी या बिना आधार की कटौती लेने पर नोटिस और पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है।
रिटर्न दाखिल करने से पहले एनुअल इंफोर्मेशन सटलमेंट और फार्म २६ एएएस की अच्छी तरह से जांच जरूर कर लें।
बैंक ब्याज, डिविडेंड, पूंजीगत लाभ सहित सभी प्रकार की आय सही-सही शामिल करें।
Updated on:
12 Sept 2025 11:31 am
Published on:
12 Sept 2025 11:30 am
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