scriptमेरा बेटा किन्नर नहीं है बस उसे लड़कियों की जगह लड़के अच्छे लगते हैं, उसके लिए ले आउंगी दूल्हा | LGBTQ Community: mother fighting to socity for his Gay son | Patrika News

मेरा बेटा किन्नर नहीं है बस उसे लड़कियों की जगह लड़के अच्छे लगते हैं, उसके लिए ले आउंगी दूल्हा

locationभिलाईPublished: Dec 02, 2019 04:33:57 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

LGBTQ Community: समाज ने LGBT समुदाय को स्वीकार नहीं किया है। लोग आज भी LGBT समुदाय के बारे में बात करते हुए झिझकते हैं। अगर किसी परिवार में कोई व्यक्ति समलैंगिक है तो उसके परिजन इसे स्वीकार करने से घबराते हैं। छुपाने की कोशिश करते हैं।

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भिलाई. LGBTQ Community: सुप्रीम कोर्ट ने सितम्बर 2018 में IPC 377 के खिलाफ दायर याचिका पर ऐतिहासिक सुनवाई करते हुए समलैगिंकता को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया था।कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सेक्शुअल ओरिएंटेशन (यौन रुझान) बयॉलजिकल है। इस पर रोक संवैधानिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने कहा LGBT समुदाय के अधिकार भी अन्य लोगों की तरह हैं।

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लेकिन इसके बावजूद समाज ने समलैंगिक समुदाय को स्वीकार नहीं किया है। लोग आज भी LGBT समुदाय के बारे में बात करते हुए झिझकते हैं। अगर किसी परिवार में कोई व्यक्ति समलैंगिक है तो उसके परिजन इसे स्वीकार करने से घबराते हैं। छुपाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन प्रदेश की राजधानी से लगे जिले भिलाई में एक मां ने ऐसे लोगों के लिए मिसाल कायम की है। उसने ना सिर्फ अपने बेटे के समलैंगिक होने को स्वीकार किया है बल्कि उसके लिए उसकी पसंद का दूल्हा लाने की भी तैयारी कर रही है।

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हर हाल में बेटे के साथ

जिले के बैकुंठ पूरी की रहने वाली शोभा बजारी का बड़ा बेटा समलैंगिक है। जिसके कारण परिवार और समाज में उसे हय दृष्टि से देखा जाता है। शोभा बजारी का कहना है कि मुझे दुनिया से लेना देना नहीं है। अगर मेरे बेटे को कुछ हो गया तो क्या कोई उसकी कमी पूरी कर पायेगा। मेरे बेटे की ख़ुशी में ही मेरी ख़ुशी है।
लोगों को जब मेरे बेटे के बारे में पता चला तो उनका हमारे प्रति व्यवहार असमान्य हो गया। लोग हमसे बात करने से कतराते हैं। लेकिन मुझे मेरा बेटा प्यारा है। मैं उसकी मां हूं, मुझे पता है कि वो हिजड़ा नहीं है। बस उसे लड़कियों की जगह लड़के अच्छे लगते हैं।

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समाज ऐसे लोगों को अपनाने से हिचकता है। लोग ऐसे लोगों को हिजड़ा जैसी तरह तरह की उपमा देते हैं। चिढ़ाते हैं, परेशान करते हैं। ये गलत है. इस पर रोक लगाना चाहिए। कई बार उसपर हमला भी हो चुका है।

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