
बीएसपी कर्मचारियों को होगा बड़ा फायदा
भिलाई। Chhattisgarh News: अगले शैक्षणिक सत्र से भिलाई इस्पात संयंत्र सहित प्रदेश की अन्य संस्थाओं में नौकरी कर रहे पेशेवर इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश ले सकेंगे। दिन में वे नौकरी के साथ रात को इंजीनियरिंग करेंगे।
इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानी एआईसीटीई ने दुर्ग बीआईटी और कोरबा के एक सेमी गवर्नमेंट संस्थान को नाइट कॉलेज संचालन की मंजूरी दे दी है। ये कॉलेज पेशेवरों के लिए रात की कक्षाएं संचालित कराएंगे। दोनों ही संस्थानों ने नाइट कॉलेज के लिए छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय और राज्य तकनीकी शिक्षा संचालनालय से अनुमति का पत्राचार किया है। अगले शैक्षणिक सत्र से कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल और सिविल ब्रांच के साथ इन नाइट कॉलेजों की शुरुआत होगी।
सीधे एंट्री से होगा दाखिला
इस नाइट कॉलेज में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को काउंसलिंग की जरूरत नहीं होगी। कॉलेज मेरिट के क्रम से इन्हें डायरेक्ट दाखिले दे सकेंगे। पहले बैच को कुल 90 सीटों पर प्रवेश मिलेगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने यह कोर्स उन्हीं इंजीनियरिंग कॉलेजों में संचालित हो रहा, जिनके कोर्स एके्रडिटेशन बोर्ड से मान्यता रखते हैं। इन विशेष बीटेक पाठ्यक्रम को राज्य सरकार अगले वर्ष एनओसी जारी करेगी, इसके बाद छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय संबद्धता देगा।
इस तरह होंगे प्रवेश नियम
जो पेशेवर डिग्री पाठ्यक्रम करना चाहते हैं, उनके पास न्यूनतम एक वर्ष का नियमित पूर्णकालिक कार्य अनुभव होना जरूरी होगा। इसके साथ ही संस्थान से 50 किमी रेडियल दूरी के भीतर स्थित एमएसएमई के अलावा पंजीकृत उद्योग, संगठन (केंद्र/राज्य) या निजी और सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी में काम करने वाले पेशेवर प्रवेश ले सकते हैं। इस तरह कॉलेजों को सर्वाधिक विद्यार्थी भिलाई इस्पात संयंत्र के जरिए ही मिल जाएंगे। वहीं अन्य उद्योगों के युवा पेशेवर भी शामिल हो सकेंगे। इसके साथ ही संस्थानों को ये कोर्स चलाने कक्षाओं का समय शाम के समय या उद्योग, संगठन के समय के अनुरूप सेट करना होगा।
चाहिए होंगे न्यूनतम 10 पेशेवर
एआईसीटीई ने संस्थानों को योग्यता परीक्षा की योग्यता के आधार पर ट्रांसपेरेंट तरीके से योग्य उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के भी निर्देश दिए हैं। कॉलेजों को भेजे गए सर्कुलर में एआईसीटीई ने कहा है कि पाठयक्रम में अधिकतम 30 उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जा सकता है, वहीं बैच चलाने के लिए न्यूनतम १० पेशेवर विद्यार्थियों की जरूरत होगी।
नाइट कॉलेज के संचालन को लेकर एआईसीटीई ने मंजूरी दी है। अगले सत्र से इसकी शुरुआत हो जाएगी। बीएसपी के कर्मचारियों को नाइट कॉलेज के जरिए अपनी योग्यता बढ़ाने मदद मिलेगी। - डॉ. अरुण अरोरा, डायरेक्टर, बीआईटी दुर्ग
Published on:
25 Oct 2023 11:26 am
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