9 जुलाई 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

CG Monsoon 2025: प्रदेश में मानसून की बेरूखी से बीज खराब होने का खतरा, किसानों की चिंता बढ़ी

CG Monsoon 2025: किसानों की चिंता बढ़ गई है। यहां जल्द बारिश नहीं हुई तो बीज के खराब होने की संभावना बढ़ जाएगी। जिले में इस बार अब तक सबसे अच्छी वर्षा पाटन में दर्ज की गई है।

भिलाई

Love Sonkar

Jun 23, 2025

CG Monsoon 2025: प्रदेश में मानसून की बेरूखी से बीज खराब होने का खतरा, किसानों की चिंता बढ़ी
प्रदेश में मानसून की बेरूखी से बीज खराब होने का खतरा (Photo Unsplash image)

CG Monsoon 2025: इस बार भी जिले के धमधा और बोरी तहसील में मानसून की बेरूखी की स्थिति दिख रही है। जिले में अब तक औसत 58.60 मिमी बारिश हो चुकी है, लेकिन धमधा में मात्र 8.50 मिमी और बोरी में मात्र 14.80 मिमी बारिश हो पाई है। इससे यहां धान की बोनी कर चुके किसानों की चिंता बढ़ गई है। यहां जल्द बारिश नहीं हुई तो बीज के खराब होने की संभावना बढ़ जाएगी। जिले में इस बार अब तक सबसे अच्छी वर्षा पाटन में दर्ज की गई है।

यह भी पढ़ें: CG Weather: छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय, लेकिन द्रोणिका की मौजूदगी से नहीं हो रही बारिश

यहां सर्वाधिक 68.50 मिमी वर्षा हुई है। इसी तरह तहसील अहिवारा में 42.0 मिमी, तहसील भिलाई 3 में 49.4 मिमी और तहसील दुर्ग में 60.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। धमधा तहसील में अब तक मात्र 8.5 मिमी औसत वर्षा हुई है। जबकि क्षेत्र में इस अवधि तक सामान्य वर्षा 48.9 मिमी हो जाना था। वहीं बोरी तहसील में अब तक मात्र 14.8 मिमी वर्षा हुई है जबकि इस अवधि तक औसत वर्षा 47.9 होना था। अर्थात यहां 33 मिमी कम बारिश हुई है।

धमधा बोरी क्षेत्र के अधिकतर किसानों ने धान की बोनी कर लिया है। कुछ इलाकों में अंकुरण की स्थिति है। तेज धूप और उमस की स्थिति में अंकुरण पर विपरीत असर पड़ेगा वहीं जिन बीजों में अकुरण नहीं हुआ है, उनके सूखकर खराब हो जाने का खतरा रहेगा। ज्यादा विलंब हुआ तो दोबारा बोनी की भी स्थिति बन सकती है।

धमधा क्षेत्र में बड़ी संख्या में किसान रोपाई पद्धति से खेती करते हैं। इसके लिए किसानों ने नर्सरी लगा लिया है। नर्सरी लगाने वाले अधिकतर किसान सिंचाई बोरवेल्स पर आश्रित है। बारिश कम होने से अभी ग्राउंड वाटर रिचार्ज नहीं हुआ है, ऐसे में बोरवेल्स की धार प्रभावित है। वहीं धमधा के किसानों को बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ रहा है।