भीलवाड़ा।
विशिष्ठ न्यायालय एनडीपीएस प्रकरण भीलवाड़ा ने डोडा चूरा तस्करी के मामले में तीन लोगों को दोषी ठहराते प्रत्येक को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास व 70 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया है। आरोपित नाकाबंदी तोड़ भागने के दौरान प्रतापनगर पुलिस के हत्थे चढ़े थे।
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विशिष्ठ लोक अभियोजक प्रदीप अजमेरा ने बताया, 6 जून 2012 को चित्तौडग़ढ़ जिले में नाकाबंदी तोड़ कर दो वाहन आने की सूचना पर प्रतापनगर थाने के तत्कालीन एसआई प्रकाशचन्द्र के नेतृत्व में पुर पुलिया के पास नाकाबंदी कराई। एक कार व पिकअप रूकी, जिनसे पांच व्यक्ति उतर कर भागने लगे। इनका पीछा करते हमीरगढ़ पुलिस भी आ गई थी। पुलिस ने घेरकर कार चालक जोधपुर के बीरई हाल चौखा निवासी रामनिवास पुत्र लुणाराम बावरी, नागौर जिले के लालाप निवासी विष्णुराम पुत्र बंशीराम बावरी तथा पिकअप मालिक नागौर जिले के कुरछी निवासी मेघाराम पुत्र मरूलाराम बावरी को गिरफ्तार किया।
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पुलिस ने कार से 7 कट्टों में भरा 85 किलो 900 ग्राम व पिकअप से 50 कट्टों में भरा 681 किलो 300 ग्राम डोडा चूरा जब्त किया। एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच की। मौके से भागने वालों में पिकअप चालक नागौर जिले में डेगाना थाने के लवादर निवासी सुरेश बावरी तथा कुरछी निवासी पप्पूराम पुत्र हनुमानाराम बावरी को नामजद कर गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच के बाद आरोपितों के विरुद्ध एनडीपीएस न्यायालय में परिवाद पेश किया। विशिष्ठ न्यायाधीश एनडीपीएस प्रकरण भीलवाड़ा विक्रांत गुप्ता ने शुक्रवार को रामनिवास, विष्णुराम व मेघाराम बावरी को दोषी मानते सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष ने सुनवाई के दौरान न्यायालय ने 11 गवाह पेश किए।