
Absconding transport inspector surrendered in bhilwara
भीलवाड़ा।
हाइवे पर ओवरलोड वाहनों से मंथली वसूली में फंसे भीलवाड़ा परिवहन विभाग के तत्कालीन निरीक्षक मुकेश डाड ने आखिरकार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यालय जयपुर में समर्पण कर दिया। डेढ़ साल से फरार डाड की तलाश में एसीबी ने कई जगह दबिश दी थी। निरीक्षक दलालों के माध्यम से मंथली वसूलता था।
ब्यूरो ने 8 दिसम्बर 2016 को परिवहन विभाग में ओवरलोड वाहनों से मंथली वसूली के खेल का भण्डाफोड़ किया था। शाहजहांपुर चैक पोस्ट पर ओवरलोड वाहनों को एंट्री कराई जाती थी। रोजाना करीब तीन हजार आेवरलोड वाहन गुजरते थे। निरीक्षक तीन दलालों के माध्यम से 26 हजार प्रति वाहन से मंथली लेता था।
परिवहन निरीक्षक जुर्माना राशि जमा करवाने वाले चालकों से रकम वसूलता था। रिश्वत नहीं देने वाले की जुर्माना राशि जमा नहीं करता था। एसीबी पूर्व में तीन निरीक्षक व दो दलालों को गिरफ्तार कर चुकी है। तब भीलवाड़ा के परिवहन निरीक्षक मुकेश डाड भी मंथली वसूली में शामिल मिला। भण्डाफोड के बाद डाड भाग गया, जिसे निलंबित कर दिया गया था।
घर सील, लॉकर-जमीनी दस्तावेज मिले
मंथली लेने के मामले का भण्डाफोड होने के बाद भीलवाड़ा एसीबी टीम को परिवहन निरीक्षक डाड के शास्त्रीनगर आवास पर कार्रवाई को भेजा था। टीमं पहुंची तो घर पर ताला मिला। एसीबी ने घर सीज कर दिया था। परिवार के लौटने के बाद घर की तलाशी ली। इसमें बैंक लॉकर और जमीन के दस्तावेज मिले। लॉकर भाई और भाभी के नाम का निकला था। लॉकर खोलने पर उसमें 1213 ग्राम सोने के आभूषण, 1750 ग्राम चांदी जब्त की थी। इसके अलावा घर पर जमीनी दस्तावेज भी मिले थे।
पहले भी चर्चा में
भीलवाड़ा डीटीओ दफ्तर पहले भी घूस केसों में चर्चा में रहा। तत्कालीन डीटीओ दयाशंकर गुप्ता रिश्वत लेते धरे गए पर बाद में मामले को झूठा बताते एसीबी ने एफआर लगा दी थी। हाइवे पर ट्रकों से अवैध वसूली करते एक निरीक्षक को पूर्व मंत्री ने पकड़ा था।
Updated on:
30 May 2018 12:57 pm
Published on:
30 May 2018 12:38 pm
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