Bhilwara: 5 हजार की रिश्वत, 11 साल पुराना मामला, अब ACB कोर्ट ने घूसखोर हैड कांस्टेबल को सुनाई 4 साल की सजा
Bhilwara News: एसीबी ने 16 जनवरी 2014 को ट्रेप के लिए जाल बिछाया। केमिकल लगे पांच हजार रुपए देकर परिवादी को हैड कांस्टेबल रामस्वरूप के पास भेजा। रामस्वरूप मांडल चौकी पर बैठा हुआ था। उसने रिश्वत की राशि ग्रहण कर ली।
विशिष्ट न्यायालय (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मामलात) ने पांच हजार रुपए की घूस लेने के ग्यारह साल पुराने मामले में राजस्थान के भीलवाड़ा के हैड कांस्टेबल रामस्वरूप खटीक को दोषी माना। अदालत ने उसे चार साल कारावास की सजा सुनाई। घूसखोर हैड कांस्टेबल घटना के समय मांडल चौकी पर पदस्थापित था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार परिवादी महादेव गुर्जर ने एसीबी में मांडल पुलिस चौकी में तैनात हैड कांस्टेबल रामस्वरूप खटीक के खिलाफ रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में बताया कि परिवादी के पिता कल्याण गुर्जर के विरुद्ध सुखदेव ने अपराधिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की जांच हैड कांस्टेबल रामस्वरूप के पास थी। आरोप है कि परिवादी के पक्ष में कार्रवाई करने की एवज में रामस्वरूप पांच हजार रुपए की मांग कर रहा है। एसीबी ने मांग का सत्यापन करवाया।
सत्यापन में सही मिली शिकायत
सत्यापन में शिकायत सही पाई गई। एसीबी ने 16 जनवरी 2014 को ट्रेप के लिए जाल बिछाया। केमिकल लगे पांच हजार रुपए देकर परिवादी को हैड कांस्टेबल रामस्वरूप के पास भेजा। रामस्वरूप मांडल चौकी पर बैठा हुआ था। उसने रिश्वत की राशि ग्रहण कर ली। इशारा मिलते ही एसीबी ने हैड कांस्टेबल को धरदबोचा और रिश्वत की राशि बरामद कर ली। उसके खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
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16 गवाह व 26 दस्तावेज पेश किए
उसके खिलाफ अदालत में चालान पेश किया गया। ट्रायल के दौरान विशिष्ट लोक अभियोजक केके शर्मा ने अपराध साबित करने के लिए रामस्वरूप के खिलाफ 16 गवाह व 26 दस्तावेज पेश किए। विशिष्ट न्यायाधीश पवन कुमार सिंघल ने अभियुक्त हैड कांस्टेबल रामस्वरूप खटीक को दोषी मानते हुए चार की सजा सुनाई। वर्तमान में हैड कांस्टेबल रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात था।