
राशि गबन के मामले में दस साल बाद भी सरपंच-सचिवों से नहीं हो सकी रिकवरी,
भीलवाड़ा।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने नगर विकास न्यास (यूआईटी) के लिपिक के खिलाफ सात हजार रुपए की रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है। भनक लगने के चलते लिपिक ने रिश्वत की राशि ग्रहण नहीं की। इससे एसीबी ट्रेप नहीं कर पाई। पंचवटी स्थित आवासगृह की पंजीयन कार्रवाई करने की एवज में रिश्वत मांग की गई थी।
ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश गुप्ता ने बताया कि 25 जुलाई 2017 को मंगरोप के गिरिराज पंवार ने एसीबी में शिकायत दी। इसमें कहा कि उसकी मां शांता देवी के नाम से नगर विकास न्यास ने पंचवटी योजना में आवास का आवंटन किया। समस्त बकाया यूआईटी में चेक से जमा करा दिए। इसके बाद यूआईटी से माता के नाम पंजीयन (रजिस्ट्री) के लिए आवेदन किया। पंजीयन के लिए यूआईटी में आवासगृह शाखा के लिपिक श्यामलाल प्रजापत से मिला। उसने समस्त औपचारिकताएं पूरी करवाने के बाद रजिस्ट्री माता के नाम करवाने की एवज में 10 हजार रुपए रिश्वत मांगी। एसीबी ने सत्यापन करवाया तो लिपिक ने सात हजार रुपए रिश्वत राशि मांगने की पुष्टि की।
शिकायत करने से सजग, नहीं ग्रहण की रिश्वत राशि
ट्रेप से पहले ही परिवादी ने न्यास सचिव को सहायक लेखाधिकारी ओपी छीपा व दलाल अर्जुन की शिकायत कर दी। यह शिकायत अखबार में प्रकाशित हो गई। इससे लिपिक श्यामलाल सजग हो गया। उसने बाद में परिवादी से रिश्वत की राशि नहीं ली। हालांकि सत्यापन हो जाने से रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया गया।
परिवादी की हड़बड़ाहट से ट्रेप फेल
मालूम हो, 13 नवंबर को मंगरोप निवासी परिवादी हरीश कीर की हड़बड़ाहट से एसीबी की ट्रेप की कार्रवाई फेल हो चुकी है। तब मंगरोप ग्राम पंचायत सचिव ताराचंद गुप्ता को भूखण्ड का पट्टा बनवाने की एवज में पांच हजार की रिश्वत देने गए कीर ने हड़बड़ाहट में रिश्वत राशि देने से पूर्व ही इशारा कर दिया था।
Published on:
16 Nov 2017 09:11 pm
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