
सुवाणा पंचायत समिति के पांसल गांव के युवाओं ने बड़ी पहल पर शराबबंदी को लेकर कविता पाठ हुए
भीलवाड़ा ।
सुवाणा पंचायत समिति के पांसल गांव के युवाओं ने बड़ी पहल की। नेहरू युवा संस्थान ने गांव के युवाओं को शराब छुड़वाने की मंशा से प्रदेश का पहला एेसा कवि सम्मेलन कराया, जिसमें केवल शराबबंदी को लेकर कविता पाठ हुए। सम्मेलन में आए कवियों ने पहल से प्रभावित होकर मंच से ही शराब न पीने की शपथ ली। साथ ही युवाओं ने भी गांव को शराब मुक्त करने का संकल्प दोहराया।
शराबबंदी को लेकर अनूठे कवि सम्मेलन में संजीव सजल की हास्य पैरोडी खूब सराही गई। सजल ने 'लडख़ड़ा कर तू रूबरू आ गया, तूने जितना कमाया नशा खा गया, नालियों में गिरा सारी इज्जत गई, चाट कुत्ता भगा तो मजा आ गया...सुनाई तो तालियों की गडग़ड़ाहट काफी देर तक नहीं रुकी। डॉ. अवधेश जौहरी ने शराबों की लम से जिन्दगी के गीत लिखते हो, पतंगों की जलन को तुम कहां से प्रीत लिखते हो... पेश कर युवाओं में जोश भरा। गीतकार राजेन्द्र व्यास ने आज की रात कवि सम्मेलन का फलसफा तय हो, हंसी की कविता हो पर कविता की हंसी न हो। जयप्रकाश भाटिया, हास्य कवि दीपक पारीक, डा. निशा माथुर , भवर आर्य व राजस्थानी गीतकार सोहन चौधरी ने कविता पाठ से शराब के खिलाफ मुहिम छेड़ी।
सूत्रधार ओम तिवाड़ी ने बीच-बीच में चार लाइनें सुनाकर हंसी के ठहाके लगवाए। नेहरू युवा केन्द्र पांसल के संरक्षक विकासचन्द्र शर्मा ने बताया कि चारभुजा मंदिर की आरती के बाद कार्यक्रम हुआ। केंद्र अध्यक्ष रामपाल चौधरी ने बताया कि आसीन्द के भादसी गांव में शराबबन्दी कराने वाली सरपंच मधु रावत ने अपने सम्बोधन में बताया कि उसने किस तरह से गांव में शराबबन्दी कराई और लोग अब कितने खुश हैं। शराबबन्दी आन्दोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा भारती छाबड़ा ने कहा कि शराब से देश-प्रदेश में तमाम परिवार बर्बाद हो गए हैं। शराबबन्दी के लिए युवाओं का आगे आना चाहिए। खोलपुरा व पांसल के लोग उपस्थित थे।
Published on:
13 Nov 2017 02:59 pm
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