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भीलवाड़ा में जिंदगी की जंग हार गई 600 ग्राम की ‘जीविका’, पालने में छोड़ गए थे निर्दयी मां-बाप

Bhilwara News: महात्मा गांधी अस्पताल के पालना घर में छोड़ी गई 600 ग्राम की कमजोर नवजात बालिका ने दम तोड़ दिया। पालने में नवजात के मिलने पर उसे बाल कल्याण समिति ने 'जीविका' नाम दिया था।

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'जीविका' हार गई जिंदगी की जंग (फोटो- पत्रिका)

Bhilwara News: भीलवाड़ा: महात्मा गांधी अस्पताल के पालना घर में छोड़ी गई 600 ग्राम की अत्यंत कमजोर नवजात बालिका ने शनिवार देर रात दम तोड़ दिया। पालना घर में मिलने के बाद बाल कल्याण समिति ने उसे ‘जीविका’ नाम दिया था।

बता दें कि इस उम्मीद के साथ कि वह जिंदगी की जंग जीत लेगी। लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और तमाम चिकित्सकीय प्रयासों के बावजूद वह जीवन की लड़ाई हार गई।

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, जब नवजात को एमजीएच के एनआईसीयू वार्ड में लाया गया, तब उसकी स्थिति बेहद नाजुक थी। चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची का वजन केवल 600 ग्राम था, वह अत्यधिक कमजोर थी और उसे सांस लेने में गंभीर दिक्कत हो रही थी।

इसके बावजूद चिकित्सा टीम ने पूरी संवेदनशीलता और समर्पण के साथ उपचार दिया। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया, लगातार मॉनिटरिंग की गई और हर संभव चिकित्सकीय सहायता प्रदान की गई। लेकिन शरीर की कमजोरी इतनी अधिक थी कि वह उपचार का दबाव नहीं झेल सकी।

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष चंद्रकला ओझा ने बताया कि अस्पताल स्टॉफ और डॉक्टर्स ने जीविका को बचाने की हर संभव कोशिश की। बच्ची की मौत के बाद नियमानुसार पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस की मौजूदगी में पोस्टमॉर्टम करवाया गया और फिर मानवता के धर्म का पालन करते हुए बालिका का अंतिम संस्कार कराया गया। अस्पताल स्टॉफ और बाल कल्याण समिति इस दुखद घटना से गहरे व्यथित हैं।