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Bhilwara news : राज्य बजट में टेक्सटाइल पार्क के विकास को लगे पंख, जाम से मुक्ति के लिए आरओबी के लिए मिले बजट

- सरकार में छह विधायक हमारे, इसलिए भी हमारी उम्मीद प्रबल

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Big companies will invest 12508 crores in textile industry in MP

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Bhilwara news : राजस्थान सरकार की ओर से बुधवार को विधानसभा में बजट पेश होगा। सरकार के दूसरे बजट में भीलवाड़ा जिले को भी कई सौगातों की उम्मीद है। यह उम्मीद इसलिए भी प्रबल है कि जिले से सत्तारूढ पार्टी के छह विधायक हमारे यहां से है। टेक्सटाइल उद्यमी हो या अन्य कारोबारी, आम हो या खास, हर वर्ग को भजनलाल सरकार से आस है। खासतौर से टेक्सटाइल पार्क के लिए आरक्षित जमीन के विकास के साथ भीलवाड़ा को आरओबी के लिए बजट, प्रदेश में औद्योगिक बिजली दर भी कम करने की जरूरत महसूस की जा रही है। युवाओं में रोजगार के अवसर बढ़ाने व आमजन को महंगाई से राहत की उम्मीद है। उप मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री दिया कुमारी बजट पेश करेंगी।

बजट में हुरड़ा क्षेत्र में टेक्सटाइल पार्क के लिए आरक्षित जमीन के विकास के लिए बजट मिलने की संभावना है। केंद्र सरकार ने भीलवाड़ा के लिए पार्क की घोषणा नहीं की थी। अब उद्यमियों को उम्मीद है कि पार्क को विकसित करने के लिए सरकार पहल करेंगी। टेक्सटाइल सिटी के लोगों को जाम से मुक्ति मिले इसके लिए ओवरब्रिज के लिए बजट आवंटन कर सकती है। मेवाड़ चैम्बर ऑफ कामर्स के महासचिव आरके जैन के अनुसार टेक्सटाइल उद्यमियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिजली, पानी, जमीन है। तीनों नहीं मिल रही है। इसके अलावा फायर सेस वसूला जा रहा है। बिजली पर अनुदान मिले या दरों में कमी करने की घोषणा हो। उद्योगों को पानी नहीं मिलने से नए कॉटन या डेनिम उद्योग नहीं लग पा रहे है। जमीन नहीं मिल रही है। कृषि भूमि को औद्योगिक में परिवर्तन कराने के लिए जयपुर के चक्कर काटने पड़ते है। यह अधिकार जिला कलक्टर स्तर पर मिलना चाहिए। फायर को समाप्त किया जाना चाहिए। अभी 15 रुपए प्रति वर्गमीटर के आधार उद्योग के बिल्डअप एरिया पर लिया जा रहा है। एक मेगावॉट से ऊपर के उद्योगों को बिजली की बल्क सप्लाई पर 6 रुपए प्रति यूनिट की दर है। यह दर एमएसएमई उद्योग के लिए भी लागू होनी चाहिए।

कलक्टर को भी मिले अधिकार

रीको व जिला उद्योग के नियमों में काफी अंतर है। रीको के क्षेत्रीय अधिकारी को सभी अधिकार है, लेकिन कलक्टर को जमीन को लेकर कोई अधिकार नहीं है। नियमों में सुधार के साथ कलक्टर स्तर पर अधिकार मिलने चाहिए। राजस्व के अनुसार लघु एवं मध्यम उद्योगों के उत्पाद परिवर्तन करने का अधिकार सरकार के पास है। जबकि यह रीको कर सकता है। इस्टर्न केनाल प्रोजेक्ट से भीलवाड़ा को भी जोड़ना चाहिए ताकि उद्योगों को पानी मिल सके। सोलर एनर्जी में नियमों में छूट की उम्मीद है। मांडल विधायक उदय लाल भडाणा ने अपने क्षेत्र के लिए 500 करोड़ का बजट मांगा है।मांडल पंचायत को नगर पालिका बनाने के साथ मांडल तालाब को बांध का दर्जा देकर जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कराने, मेजा बांध का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण की मांग रखी है।


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