
Cess Govansh boosted in bhilwara
भीलवाड़ा।
गोसंरक्षण के लिए स्टाम्प ड्यूटी पर लगाए सेस से अब गोवंश को सहारा मिलने लगा है। इस सेस का इस्तेमाल करने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान गोसंरक्षण एवं संवर्धन निधि का वर्ष 2016 में गठन किया था। इसके तहत जिले में ढाई करोड़ रुपए गोशालाओं को दिए जा चुके हैं। जिले में कुल 52 गोशाला है। इसमें से नौ बंद पड़ी है। अभी 43 गोशालाएं चल रही हैं।
इस नियम के तहत राशि लेने के लिए 25 गोशाला ही पात्र है। इसमें 31 मार्च 2017 तक 16 गोशालाओं को एक करोड़ 54 लाख 51 हजार 331 रुपए की सहायता दी गई। बाकी नौ गोशालाओं को इस साल अप्रेल के बाद में 76 लाख 61 हजार 795 रुपए दिए है। एेसे कुल मिलाकर जिले की 25 गोशालाओं को दो करोड़ 31 लाख 13 हजार 126 रुपए दिए जा चुके हैं।
इन कामों में इस्तेमाल होगा पैसा
गोवंश संरक्षण के लिए पालन-पोषण, विकास कार्यों एवं योजनाओं में, गोशालाओं और कांजी हाउसों में संपत्ति निर्माण, उत्पादन इकाइयों के लिए जरूरी पैसा इस निधि से लिया जाएगा। इसके अलावा निधि में आए पैसे का 1 प्रतिशत प्रशासनिक कामों में खर्च किया जा सकेगा लेकिन इस फंड से भूमि खरीद, बिजली बिल, वेतन-भत्ते देने,फर्नीचर आदि का खर्च नहीं दिया जाएगा। गोशाला संचालकों को पैसा लेने के लिए गोशाला अधिनियम 1960, कांजी हाउस वालों को नगर पालिका अधिनियम 2009 और राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 से रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
इतना पैसा मिला
जिले में गो संरक्षण के लिए गत वर्ष एक करोड़ 64 लाख 35 हजार 200 रुपए मिले थे। जबकि इस साल 82 लाख 86 हजार 989 रुपए मिले हैं। इस बजट में से गोशालाओं को बांटने के बाद बाकी राशि वापस सरकार को जमा करा दी है। इन सेस से पात्र गोशालाओं में पल रहे पशुओं में छोटे पशु को 16 रुपए प्रतिदिन तथा बड़े पशु को 32 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मदद की जा रही है।
जिले की 25 गोशाला ही पात्र है। इनको अब तक दो करोड़ 31 लाख 13 हजार 126 रुपए दिए जा चुके हैं। इसका सर्वे फिर करवा रहे हैं जो भी पात्र होगी उन्हें मदद की जाएगी।
डॉ. भगवानसहाय, उपनिदेशक पशुपालन विभाग
Published on:
26 Jun 2018 03:11 pm
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